Tuesday 22 November 2016

Education is the most powerful weapon..............

मित्रों, शिक्षा सबसे शशक्त हथियार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है। शिक्षा तो समाज एवं देश की प्रगति के लिये एक महत्वपूर्ण तत्व है। हमारा देश तभी विकसित देश बन सकता है जब समाज का प्रत्येक वर्ग शिक्षित होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए अनिता दिव्यांग कल्याण समिति जो विगत छः वर्षों से अपने प्रचलित नाम (वॉइस फॉर ब्लाइंड) के नाम से व्यक्तिगत रूप से निःशुल्क, दृष्टीदिव्यांग लोगों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है। 

दृष्टीदिव्यांग लोगों की शिक्षा के सफर में आने वाली में सबसे बङी बाधा है, ध्वनीमुद्रण (Recorded) में पाठ्यपुस्तक का अभाव और परिक्षा के समय  सहलेखन हेतु दृष्टीसक्षम विद्यार्थियों की कमी या कह सकते हैं कि उनमें जागरुकता की कमी। मेरा मानना है कि, यदि सामान्य बच्चों में जागरुकता का अंकुरण सही तरीके से किया जाये तो वे अवश्य परिक्षा के समय सहलेखक का दायित्व निभा सकते हैं। 

साथियों, विगत वर्षों के अपने अनुभव के आधार पर हम हर्ष के साथ आप लोगों को बताना चाहेंगे कि, अनेक मुश्किलों के बावजूद आज कई दृष्टीदिव्यांग साथी शिक्षा अर्जित कर रहे हैं और आगे बढने का प्रयास कर रहे हैं।  बाधाओं के बावजूद भी जिन बच्चों को शिक्षा के सफर में  समाज का साथ मिल रहा है वो आज बैंक, रेल, विद्यालय तथा अन्य दफ्तरों में भी कार्य करते हुए आत्मनिर्भरता का जीवन यापन कर रहे हैं। समस्या लेकिन ये है कि जितने सहयोग की आवश्यकता है उतना सहयोग अभी मिल नही रहा है। मित्रों मेरा उद्देश्य उनको आत्मनिर्भर बनाना है, अतः शिक्षा के अलावा हम लोग उनको रोजगार के अवसर प्रदान करने का भी प्रयास कर रहे हैं। स्वदेशी निर्मित वस्तुओं के अभियान में हमारे दृष्टीदिव्यांग साथी भी हथकरघा पर दरी, चादर, तौलिया तथा आसन बना रहे हैं। 


आप सबसे हम अनुरोध करना चाहते हैं कि, दृष्टीदिव्यांग साथियों की शिक्षा बाधा मुक्त होकर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचे, उनकी शिक्षा सुचारु रूप से चलती रहे इसके लिये आपका सहयोग बहुत जरूरी है। शिक्षा तो अमुल्य और अनश्वर धन है, इसे मुक्त ह्रदय से खर्च किजीये और दृष्टीबाधित लोगों के लिये शिक्षा के इस अभियान में अपना योगदान किजीये। पुस्तक का ध्वनांकन निरंतर और स्पष्ट आवाज में हो इसके लिये हम लोग इंदौर शहर में एक साउंड प्रुफ स्टुडियो का निर्माण करना चाहते हैं, जिसके लिये आर्थिक सहयोग की भी आवश्यकता है एवं इसके साथ ही बच्चोंं को प्रतियोगी परिक्षाओं के लिये एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोलना चाहते हैं। 

दोस्तों, 2015 से वाट्सएप के माध्यम से देश के अधिकांश बच्चों को सुबह समाचार प्रकाशित किया जाता है।  दृष्टी दिव्यांग साथिसों के लिये ये देश का पहला प्रयास है। जो बहुत पसंद किया जा रहा है।

News; 26 March 2017 (By Anita Sharma)



सभी पाठकों से पुनः निवेदन करना चाहते हैं कि, अपनी क्षमातानुसार आर्थिक सहायता देकर शिक्षा के इस सफर को आप भी अपने सहयोग के दीपक से प्रकाशित करें। आपका सहयोग स्वस्थ और शिक्षित समाज बनाने में महत्वपूर्ण पहल होगी। शिक्षा तो हमारे समाज की आत्मा है जो की एक पीढी से दूसरी पीढी को दी जाती है। अरस्तु ने कहा है, युवकों की शिक्षा पर ही राज्य आधारित है। 

"सूर्यकांत त्रिपाठी के कथन के साथ अपनी कलम को विराम देते हैं, संसार में जितने प्रकार की प्राप्तियां हैं, उनमें शिक्षा सबसे बढकर है।" 

अधिक जानकरी के लिये आप मेल करें
voiceforblind@gmail.com 

धन्यवाद