हम सबके आदर्श ए.पी.जे. अब्दुल्ल कलाम साहब का सम्पूर्ण जीवन हम सबके लिये ज्ञान का भंडार है। उनकी हर जिम्मेदारी हम सभी को नई दिशा प्रदान करती है। राष्ट्रपति के रूप में कलाम साहब को सबसे मिलनसार राष्ट्रपति कहा जाता है। अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल में उन्होने कई एतिहासिक कार्य किये जो अविस्मरणिय हैं। उन्होने अपनी इस जिम्मेदारी को भारत 2020 विजन का मंच बनाते हुए एक नई चुनौति को स्वीकार किया था। कलाम साहब का उद्देश्य था कि राष्ट्रपति भवन जनता की पहुँच के लिये सुलभ हो।
कलाम साहब ने राष्ट्रपतिभवन में सबसे पहले ई गर्वनेस का आगाज किया। अर्थात इलेक्ट्रॉनिक्स शासन प्रणाली की शुरुवात किये। जिसके तहत सभी पत्र, फाइलें और दस्तावेजों को स्कैन करके उन्हे इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जाने लगा तथा पहचान के लिये प्रत्येक पर बार कोड अंकित किया गया। ई-गर्वनेस लागु होनेपर केवल पाँच घंटे में चालिस अर्जियों का निपटारा होने लगा जबकि पहले बीस अर्जियों को निपटाने में सात दिन लग जाते थे।
राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के सांसदों के साथ राष्ट्रपति भवन में सुबह के नाश्ते पर उनके राज्यों का सीधा हाल जानना , राष्ट्रपति कलाम साहब की प्रारंभिक दिनों की महत्वपूर्ण गतिविधी थी। देश के विकास के तीन आधारों , 1- विकसित भारत की संकल्पना, 2- उस राज्य या यूनियन टेरिटरी की सम्पदा, 3- उस राज्य की विशिष्ट क्षमताओं पर जोर दिया गया तथा उस राज्य के सांसदों को सर्वे के आधार पॉवर पॉइंट के जरिये समझाया गया । कलाम साहब की पहली मिटिंग बिहार के सांसदों के साथ हुई थी। उनका मानना था कि राष्ट्रपति भवन ही एक मात्र ऐसा स्थान है जहाँ दलगत मतान्तर खत्म हो जाता है और प्रत्येक सांसद राष्ट्रहित को एक सम्पूर्ण ईकाइ के रूप में देखता है।
कलाम साहब अपनी पुस्तक टर्निग प्वॉइंट में लिखते हैं कि, "मुझे राष्ट्रपति के रूप में दोनों सदनों को दस से अधिक बार संबोधित करने का मौका मिला। जहाँ मैं देशहित के अपने विचारों को उन्हे समझा सका। 2007 में जब देश 1857 के संर्घष की 150वीं ज्यंति मना रहा था, तब कलाम साहब ने अपने भाष्ण में कहा था कि, सच्ची स्वतंत्रता और स्वाधीनता के लिये अभी हमारा आन्दोलन पूरा नही हुआ है। प्रिय सांसदों और विधायकों, समय आ गया है कि हम सब नये संक्लप और नेतृत्व के साथ देश को सम्पन्न, एकताबंद्ध, सामजस्यपूर्ण, विपुल एंव समृद्ध करते हुए इसे सुरक्षित राष्ट्र बनायें जो अतिक्रमण तथा सीमा पार के घुसपैठ के लिये अभैद हो।" कलाम साहब के कार्यकाल में वर्ष 2003 और 2005 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कलाम साहब के राष्ट्रपति कार्यकाल की अन्य प्रेरणास्रोत बातों के साथ मंगलवार को पुनः मिलते हैं।
गाँधी ज्यंति और लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिन पर अंनत बधाईयां।
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धन्यवाद