Saturday 2 February 2013

अवसर



अक्सर लोग मेहनत करने से घबराते हैं और सफलता प्राप्त करने के लिये किसी शार्ट-कट यानी सरल रास्ते को अपनाते हैं। जिदगी के अहम फलसफे को समझना नही चाहते कि, कठिन संर्घष से ही व्यक्ति का जीवन प्रमाणिक बनता है और मुश्किलें उसके जीवन में वह आग होती है, जिनसे गुजरने पर उसकी अशुद्धियाँ जल कर समाप्त हो जाती हैं। जैसे- सोना जलकर ही कुन्दन बनता है, उसी तरह कठिन चुनौतियाँ व्यक्तित्व को निखारती हैं।

मित्रों, सफल होने के लिये दो चीज महत्वपूर्ण हैं- अवसर को पहचानना और समय पर सही निर्णय लेना। कई बार ऐसा हो जाता है कि हम सही अवसर पहचानने में चूक जाते हैं और बाद में पछताते हैं। इसी तरह निर्णय क्षमता भी व्यक्ति की सफलता को प्रभावित करती है क्योंकि आने वाला पल कई बार ऐसी अन्जानी परिस्थिती को प्रस्तुत कर देता है जो हमारी योजनाओं और संभावनाओं से परे होती है। ऐसे पलों में हमारा एक सही निर्णय हमें लक्ष्य तक ले जाता है, वहीं गलत निर्णय असफलता को अंजाम देता है।

एक बार एक कलाकार की बनाई मूर्तियों की प्रर्दशनी लगी थी लोग उसकी बनाई मूर्तियों को बङे ध्यान से देख रहे थे। उन्ही मूर्तियों में एक मूर्ती बहुत ही अजीब सी थी, उसका चेहरा बालों से ढका हुआ था एवं उसके पर भी थे। एक दर्शक ने कलाकार से पूछा ये किसकी मूर्ती है? कलाकार ने कहा ये अवसर है, इसका कोई रूप नही होता ये किसी भी रूप में आ सकता है। अतः इसका चेहरा ढका हुआ है और पंख ये समझाते हैं कि ये हवा के झोंके की तरह कब आता है, कब चला जाता है समझना मुश्किल होता है। सच ही तो है मित्रों, कई बार हमें ऐसे अवसर मिलते हैं जो हमारी जिंदगी को नया आयाम दे सकते हैं जिसे हम नजर अंदाज कर देते हैं और अपनी ही धुन में आगे बढते जाते हैं।

सही अवसर को पहचानने और सही निर्णय लेने के अलावा भी हमारे अंदर एक अंर्त-दृष्टी विकसित होनी चाहिये, जिसके द्वारा हम अपने जीवन में आने वाले संकटों को पहचान सकें और उन्हे दूर करने  लिये वर्तमान में ही उसका समाधान निकाल सकें। मित्रों, ये भी एक बङा सच है कि हम लोग आने वाले संकट को हमेशा पहचान जायें ये जरूरी नही है। परन्तु यदि हम अपने जीवन को ध्यान से देखे तो ये पता चलेगा कि जीवन में आने वाले संकट अपनी दस्तक जरूर देते हैं। उसी तरह हमारी उन्नती के अवसर भी आते हैं लेकिन हम उसे हल्के से लेते हैं। कई बार हम अपने बङे लक्ष्य को हासिल करने के चक्कर में छोटे अवसरों को नजर अंदाज कर देते हैं। हम ये भूल जाते हैं कि एक नन्हा सा बीज एक दिन विशाल वृक्ष बन जाता है।
विलयम शेक्सपियर ने कहा है कि- सही समय पर बोया गया सुर्कम का बीज ही महान फल देता है।

कठिनाइयाँ हर व्यक्ति के जीवन में आती हैं। कोई इन मुश्किलों को देखकर डर जाता है, घबरा जाता है या इनसे बचने का प्रयास करता है, तो कोई इसे स्वीकार करता है तथा मुश्किलों से मुकाबला करने का प्रयास करता है। अगर देखा जाये तो हर मुश्किल चुनौती हमारे लिये कुछ न कुछ उपहार लेकर आती है और ये उपहार उसे स्वीकार करने के बाद या उसे पार करने पर ही मिलता है। ये भी एक प्रकार का अवसर होता है, ये तो हम पर निर्भर करता है कि हम उसे स्वीकारते हैं या उससे पिछे हट जाते हैं। कहते हैं, भाग्य भी बहादुर और कर्मठ व्यक्ति का ही साथ देता है। प्रायः देखने में आता है कि अच्छे से अच्छे लोगों को भी कष्ट और कठिनाइयोँ का सामना करना पडता हैं।किसी ने सच ही कहा है कि- 
"Every experience is an opportunity to learn & grow"

दोस्तों, अवसर को समझते हुए, अपने विश्वास के बल पर यदि हम आगे बढने का प्रयास करेंगे तो फिर चाहे आँधी और तूफान के जितने तुमुल झकोरे आयें, वह मकान, जो सदियों की पुरानी चट्टान पर बना है, हिल नहीं सकता। मजबूत इरादों के साथ, जीवन को सहज और सुव्यवस्थित बनाने का प्रयास तो कर ही सकते है। रविन्द्र नाथ टैगोर की पंक्ती से कलम को विराम देते हैं---

हम ये प्रार्थना न करें कि, हमारे ऊपर खतरे न आयें,
बल्की ये करें कि, हम उनका सामना करने में निडर रहें।




   

1 comment:

  1. Very nice write up...moortikaar kii baat bahut achci lagi.

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