Tuesday 8 March 2016

International Women Day



अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई, हालांकी नारी शक्ति किसी एक दिन की मोहताज नही है क्योंकि नारी तो शक्ति का प्रतीक है। वो जो ठान ले उसे पूरा करने का ज़जबा उसके रग-रग में भरा हुआ है। नारी शक्ति का महत्व इस बात से भी लगाया जा सकता है कि, सृष्टी में धरा (पृथ्वी) को भी स्त्री की संझा से सम्बोधित करते हुए हम सब धरती माता कहते हैं, जो सृष्टी का पालन करने में सक्षम है। धैर्य की प्रतिमूर्ती नारी, आज ऑटो रिक्शा से लेकर फाइटर प्लेन उड़ाने में सक्षम है. सृष्टी की रचनाकाल से ही नारी में शक्ति का गुंण विद्यमान है. कतिपय कुछ विचारधारा का उसकी शक्ति पर समय-समय पर अंकुश लगा दिया जाता है, जिसे सुख शान्ति की कामना करने वाली नारी; समझौते का वस्त्र धारण कर अपनी शक्ति को जाहिर करने से रोक देती है। वरना रणभूमी हो या कर्म का कोई भी क्षेत्र , वेद. पुराण हो या विभिन्न धर्म हर जगह नारी शक्ति का महत्व विद्यमान है। यहाँ तक की जगत पिता शिव भी शक्ति के बिना अधुरे हैं। हाँथों में चुडियाँ पहनने वाली नारी की योग्यता का परचम कलम हो या तलवार दोनों की धार में बखुबी दिखता है। वात्सल्य और प्रेम की भावना से भरी नारी साहस ,धैर्य , सहयोग तथा समझौते की प्रतीक है।  घर-परिवार तथा समाज में खुद को पिछे रखते हुए सबको आगे बढने का अवसर देती है। उसके इस नम्र गुंण को कमजोरी न समझें। रानी लक्षमीबाई, महादेवी वर्मा , मदर टेरिसा जैसा गुंण लिये नारी कल भी शक्तिशाली थी , आज भी है और भविष्य में भी रहेगी.................

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