Tuesday, 31 December 2024

Welcome 2025 (Happy New Year)

दिवार पर लगा कलेंडर बदल गया , नये कैलेंडर ने  शुभकामनाओं के साथ दिवार पर जगह बना ली। 2025 का मुस्करा कर करो स्वागत । सुख-दुख की बातें भी गुनगुनाने लगी हैं, छोङो कल की बातें, कल की बात पुरानी नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी। सकारात्मक सोच के साथ बढते चलो नई आशाएं नई संभावनाएं नवीन ऊर्जा के साथ स्वागत को तैयार हैं। तारीखों के बदलते ही जो यादें या डर विकास की राह में बाधा पहुँचाए उन्हे अपनी मेमोरीकार्ड से डीलिट कर देना चाहिए।खाली हुए स्पेस में सकारात्मक विचारों को सेव(Save) कर लेना चाहिए। क्या खोया क्या पाया इसका हिसाब क्युं करना? नई तारिखें अच्छा ही करेंगी इस आशा से कुछ अपनी सुनो, कुछ अपनो की सुनो जो सही लगे उस राह पर बढ चलो। एक नया सवेरा मंगल धुन बजाने लगा है सबका का जीवन शुभ और मंगलमय हो। हँसो और हँसाओ जिंदगी की किताब में तो हर तरह के पन्ने हैं कहीं मुशकिलों का सामना लिखा है तो कहीं अपनों का सहारा। सकारात्मक सोच और अपने इष्ट पर भरोसा रखते हुए पुरे उत्साह से नये साल का जश्न मनाओ।

सभी पाठकों को कुछ सकारात्मक पंक्तियों के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 
जिंदगी एक संगीत है  गुनगुनाना जरूरी है। माना  सफलता का फल कभी कभी नही मिलता लेकिन कोशिश का बीज बोना भी जरूरी है। खुशियों और मुस्कुराहटों से जिंदगी के पल सजाना जरूरी है। नए साल के नये पन्नो पर  सफलता की संभावनाओं के लिए प्रयास करना भी जरूरी है। 

Happy New Year 

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Tuesday, 24 December 2024

भारत रत्न अटल जी के शताब्दी वर्ष पर अभिनन्दन

भारत रत्न  अटल बिहारी वाजपेयी जी को सौवें जन्मदिन पर वंदन करते हैं और नमन करते हैं। अटल जी का जीवन एक ऐसी सकारात्मक किताब है ,जिसको आत्मसात करने से यथार्थ जीवन को सुगम बना सकते हैं। बाधाओं के बावजूद निरंतर गतिमान जीवन शैली के धनी अटल जी की कविताएं प्रेरणास्रोत हैं। प्राथमिक शिक्षा से लेकर राजनीति के शिखर तक आपने अपनी अद्भुत यात्रा में अनेक अविस्मरणिय कार्य किये हैं। विश्व पटल पर विवाद शुन्य व्यक्तित्व के धनी अटल जी से मर्यादा पूर्ण वार्तालाप करने का गुंण सिखा जा सकता है। ईश्वर जीवन में इतनी ऊँचाई न देना कि अपनो को गले भी न लगा सकुं ऐसी उदारता के प्रतीक थे अटल जी। अपने राजनीति सफर में आपने अनेक अभूतपूर्व और असंभव कार्य किये जिसे स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। अभिनंदन करते हुए अटल जी की  लिखी प्रसिद्ध पंक्ति हार नही मानुगा रार नही ठानुंगा को जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हुए कलम को विराम देते हैं।

अटल जी के व्यक्तित्व को विस्तार से जानने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें ..


संसदिय गरिमा को आत्मसात करने वाले, आदरणीय अटल जी

जनजन के प्रिय नेता संवेदनशील कवि अटल जी


जय हिंद वंदे मातरम्