Sunday, 25 January 2015

मेरा भारत महान



सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा, अनेकता में एकता के स्वर को आज भी गुंजायमान कर रहा है। एक सम्प्रभु एवं अखण्ड भारत की कल्पना देश की धरती पर युगों-युगों से जीवित है। गीता, रामायण,वेद एवं पुराण हमारी राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता के आधार स्तम्भ हैं। ईद, दिवाली, होली, बैसाखी तो कहीं पोंगल, बिहु जैसे त्योहारों को समेटे हुए भारत देश महान है, जिस पर हम सबको नाज है। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व है। आज भले ही आतंकवाद, जनसंख्या विस्फोट, जातिवाद तथा धार्मिक उन्माद बढ रहा है फिर भी हम सबको ये विश्वास है कि ये अंधकार हमारी संस्कृती के प्रकाश से बोझिल हो जाएगा। मुगलों की तबाही, अंग्रेजों की दासता तथा विदेशी ताकतों के अत्याचारों से भी हमारे हौसले टूटे नही हैं। हिमालय की तरह मजबूत फौलाद लिए भारत के हर बच्चे में आज भी सुभाष, आजाद, भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी विद्यमान हैं। यहाँ हर बाला लक्ष्मीबाई है।  हमारी संस्कृति, सभ्यता, आध्यात्म तथा नैतिक बल एवं दयालु भावनाओं में, बुद्ध, महावीर तथा नानक मुस्कराते हुए मिल जाएंगे। सामाजिकता ने विवेकानंद, दयानंद तथा कबीर को अपने में समाहित कर लिया है।  गाँधी के राम राज्य की कल्पना आज भी साकार हो रही हैं। गॉव में बसता भारत अपनी समृद्धी और संस्कृति को आधुनिकता की आँधी में भी सुरक्षित रखे हुए है। जब-जब हमारी संस्कृति एवं धर्म पर कुठाराघात हुआ तब-तब किसी न किसी अवतार  ने देश की दिशा और दशा को सुरक्षा प्रदान की है। 21वीं शदी की आधुनिक तकनिक हो या ग्लोबलाइजेशन का ज़माना, हम भारतीय वसुधैव कुटुंबकम और अतिथी देवो भवः की विचारधारा के साथ स्वाभीमान से जीना जानते हैं। आज भी खादी के कपङों और गन्ने के रस का मुकाबला ब्रानंडेड बाजार नही कर सकते। आज हम भले बाहरी रूप में पश्चिमी बन जाएं परंतु हमारी आंतरिक शक्ति और मनोवृत्ति नितांत भारतीय है। चारों दिशाओं में तामसी प्रवृत्तियों का मायाजाल भयभीत कर रहा हो और अनेक समस्याएं अमरबेल की तरह बढ रहीं हों फिर भी उनका अंत निश्चित है क्योकि मन ये विश्वास है, हम होंगे कामयाब। भारतीय पुरातन संस्कृति पर हम सबको गर्व है। अनेक अंर्तविरोधों के बावजूद भारत की गंणतत्रं व्यवस्था आज भी निरंतर गतिमान है।  हमारा गंणतंत्र विश्व का सबसे बङा गंणतंत्र है। हमारा देश अनेक मुश्किलों के बावजूद  गौरव के शिखर पर पहुँचेगा। विश्व विजयी तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा का नारा सदैव बुलंद था और रहेगा क्योकि मेरा भारत महान है। 
                                                  

3 comments: