दोस्तों, रविवार 24 जुलाई को वाइस फॉर ब्लाइंड द्वारा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य था कि, अपने दृष्टीबाधित साथी अपनी योग्यता का प्रदर्शन करें। आज जिस तरह सभी परिक्षाओं में सामान्य ज्ञान अवश्य पूछा जाता है, ऐसे में शैक्षणिक विकास को आगे बढाने के लिये सामान्य ज्ञान की जानकारी भी अति आवश्यक है।
मुझे ये कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि, उन बच्चों ने पूरे उत्साह से इस प्रतियोगीता में हिस्सा लिया। इस आयोजन से उनका हौसला भी बढा। प्रतियोगिता दो वर्ग में थी। एक विद्यालय स्तर की और दूसरी महाविद्यालय स्तर की थी। सभी प्रतिभागी समय से आयोजन स्थल पर पहुंच गये थे, जबकि उस दिन बारिश भी बहुत हो रही थी। तेज बारिश के बावजूद समय पर पहुँच जाना उनके आगे बढने के जज़्बे को बंया करता है। इस प्रतियोगिता में इंदौर के सभी दृष्टीबाधित संस्थाओं से बच्चे आये थे। प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर पर प्रियंका प्रथम तथा मनिषा द्रुतिय स्थान पर रही। महाविद्यालय वर्ग में प्रथम रुबी दुबे और द्रुतिय मंगल दास पाटिल।
प्रतियोगिता सम्पन्न होने के बाद बच्चों ने अपनी अन्य प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। एलिस ने भारत देश पर एक गीत सुनाया जिसकी रचना भी उसने की है। नरेन्द्र ने कई लोगों तथा जानवरों की मिमिक्री की, इसके अलावा वाद्ययंत्रों की धुन को इस तरह प्रस्तुत किया लग रहा था कि, वाद्यंत्र बज रहा है। जितेंद्र जब गाना सुना रहा था तो उसने संगत देकर गीत को संगीतमय बना दिया। अर्जुन ने एक ड्राइंग बनाई। अन्य बच्चों ने भी बहुत अच्छी प्रस्तुति दी। उनके उत्साह को देखकर लग रहा था , जिंदगी जीना इसको कहते हैं। इन बच्चों के उत्साह ने सकारात्मक संदेश दिया......
ठोकर खाकर गुनगुनाना जिंदगी है,
गम पाकर मुस्कुराना जिंदगी है,
सुख के साथ जिये तो क्या जिये,
गम भुलाकर जश्न मनाना जिंदगी है.......
ठोकर खाकर गुनगुनाना जिंदगी है,
गम पाकर मुस्कुराना जिंदगी है,
सुख के साथ जिये तो क्या जिये,
गम भुलाकर जश्न मनाना जिंदगी है.......