Monday 3 July 2017

Vivekanand ji thoughts (Strength is life , Weakness is Death)



विश्व धर्म सभा में भारत को गौरवान्वित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी के विचार आज भी हम सभी के लिये महत्वपूर्ण हैं। अपने लक्ष्य को हासिल करने में स्वामी जी के विचार ऑक्सीजन की तरह हैं जो विपरीत परिस्थिती में जीवन को उर्जा प्रदान करते हैं। स्वामी जी कहते हैं...

"यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकङ है तो , जहर उगलने वाले भी आपका कुछ नही बिगाङ सकते।"

विचारों में बहुत शक्ति है. विचार करते समय हम जिन भावों का चयन करते हैं , उनका हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पडता है. मनोवैज्ञानिक भी निराशा के छणों में स्वयं से सकारत्मक संवाद करने पर जोर देते हैं ।
Talk to yourself Once in a day ... otherwise you have missing meeting an Excellent person in this world.

आप अपने लक्ष्य को अपनी काबलियत के स्तर से नीचे न रखें, बल्की अपनी काबलियत के स्तर को अपने लक्ष्य के जितना बङा बनाइये क्योंकि संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरिका है, असंभव से आगे निकल जाना।

मित्रों, हम जो बोते हैं वही काटते हैं, हम स्वंय अपने भाग्य के विधाता हैं। हवा का कार्य तो बहना है, जिन नावों के पाल खुल जाते हैं हवा उनकी दिशा अपने अनुसार बदल देती है, लेकिन जिनके पाल बंधे होते हैं वो अपनी मर्जी से अपनी दिशा में बढते हैं और सफलता पूर्वक अपने गंतव्य पर पहुँचते हैं इसलिये भाग्य भरोसे न रहते हुए अपनी मदद स्वंय करो तुम्हारी मदद कोई और नही कर सकता। तुम खुद के सबसे बङे दुश्मन हो और खुद के ही सबसे अच्छे मित्र हो। अतः Believe in yourself and the world will be at your feet.

एकबार स्वामी जी से किसी ने पुछा कि, सब कुछ खो देने से भी बुरा क्या है, स्वामी जी ने उत्तर दिया , "उस उम्मीद को खो देना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते हैं।" इसलिये उम्मीद का दिया हमेशा जलना चाहिये और दृण इच्छाशक्ति के साथ एक समय में एक काम करो , ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जायें। सभी शक्ति तुम्हारे अंदर है, तुम सब कुछ कर सकते हो।

Strength is life , Weakness is Death

प्रिय पाठकों नमस्कार, आप सब मंगलमय होगें और आशा करते हैं कि मेरे द्वारा लिखे लेख आप लोगों को रोचक लग रहे होंगे। इधर कुछ समय से समय अभाव के कारण लेख लिखने का समय कम मिल रहा है क्योकि जैसा कि आप लोगों को ज्ञात ही है कि, स्वामी विवेकानंद जी के दिये संदेश को आत्मसात करते हुए  दृष्टीबाधित बच्चों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अंर्तगत उनकी पाठ्यपुस्तकों को ध्वनांकित करना सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा 9वीं तथा 11वीं का पाठ्यक्रम बदल जाने से पूर्व की ध्वनांकित पाठ्यपुस्तक अब काम नही आयेगी। अतः वर्तमान में नई पुस्तकों का ध्वनांकन समय पर पूरा करना अहम कार्य है। आप सबसे निवेदन है कि जो पाठक इस कार्य में अपना योगदान देना चाहते हैं वो हमें मेल करें। शिक्षा सबसे सशक्त हथियार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है। 
धन्यवाद