Saturday, 31 December 2016

Happy New Year Dear Readers


2017 की सुबह खुशियों का पैगाम लाए, आप सबके इरादों को सुनहरी धूप से रौशन कर जाए ,हर कामयाबी पर आपका नाम दर्ज हो जाये, हौसले इतने बुलंद हों कि जिंदगी से लफ्ज़ ए शिकायत दूर हो जाये। सकारात्मक सोच से बङे से बङा तूफान भी झुकने पर मजबूर हो जाये।  इसी शुभकामना के साथ नव वर्ष की हार्दिक बधाई 😊😊

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बीती ताही बिसार दे, आगे की सुधि लेय

I m Possible

धन्यवाद 😊

Saturday, 24 December 2016

Merry Christmas & Happy B'Day to Atal Bihari Vajpayee



क्रिसमस के शुभअवसर पर आप सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं।  प्रभु ईशु की अनुकंपा सबपर सदैव बनी रहे।


25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में जन्मे  भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी जी को उनके जन्मदिन पर वंदन एवं नमन करते हुए उनके स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं एवं उनकी लिखी कविताओं को स्मरण करते हैं। जो आज भी ताजगी से परिपूर्ण हैं,

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।


एवं

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।
हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं।
कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है।
यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये।

एवं

आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अंधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ



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संसदिय गरिमा को आत्मसात करने वाले, आदरणीय अटल जी


उच्च कोटी के वक्ता (अटल बिहारी वाजपेयी)


Thursday, 1 December 2016

विश्वविकलांगता दिवस पर विशेष

हर तारे की एक चमक होती है, हर राह की एक मंजिल होती है। विकलांगता तो महज एक शब्द है, गौर से देखो तो परफैक्ट तो कोई नही है। शारीरिक अक्षमता तो एक स्वरूप है जिसे जीवन का आधार समझना भूल है। हेलेन केलर ने कहा है कि, विश्वास वो शक्ति है जिससे उजङी हुई दुनिया में भी प्रकाश लाया जा सकता है। विश्वास के इसी बल से वर्तमान में पैराऔल्मपिक के प्रतिभावान खिलाडियों ने देश को गौरवान्वित करके ये संदेश दिया कि विकलांगता अभिशाप नही है। नकारात्मक दृष्टीकोंण ही एकमात्र विकलांगता है न की दृष्टीबाधिता। जब हम अरदास या प्रार्थना या पूजा करते हैं उस समय हमारी मुद्रा नही बल्की हमारे ह्रदय की भावना हमें उस अलौकिक शक्ती का एहसास कराती है जिसे हम सब ईश्वर, अल्लहा या ईसा कहते हैं। इसी तरह जब हम जीवन में आगे बढना चाहते हैं, आत्मनिर्भर होना चाहते हैं वहां हमारा मानसिक बल सफलता के द्वार खोलता है। ऐसे कई प्रेरणास्रोत लोग हमारे आस-पास हैं जिन्होने शारीरिक अक्षमता के बावजूद विश्व को नई-नई जानकारियों की सौगात दी है। स्टीफन हॉकिंग ने विकलांगता के बावजूद अंतरिक्ष के ऐसे रहस्यों से पर्दा उठाया है जिस पर दुनिया आश्चर्य करती है। उन्होने कहा कि, उन चिजों पर ध्यान दें जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नही रोकती और उन चीजों के लिये अफसोस न करें जिन्हे करने में ये बाधा डालती है। आत्मा और शरीर दोनों से विकलांग न बनें। मित्रों, वास्तविकता तो यही है कि ब्रह्मांड की सारी शक्तियां हममें विद्यमान हैं वो हम हैं कि अंधकार की बात करते हैं। सच तो ये है कि, इंसान के लिये असंभव कुछ नही है। इरादे बुलंद हो तो आज की टेक्नोलॉजी के रथ पर सवार होकर मंजिल पूरी की जा सकती है। सफलता के इस सफर में समाज का साथ सोने में सुहागा की तरह है।

अतः अपने सभी पाठकों से अपील करना चाहते हैं कि अपना सहयोग देकर अपने दृष्टीदिव्यांग साथियों को भी सम्मान से जीने का अवसर प्रदान करें। शिक्षा की इस मुहीम में आपके द्वारा दिया गया आर्थिक सहयोग अनेक दृष्टीदिव्यांग साथियों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होगा। विश्वविकलांगता दिवस को महज एक दिन के कार्यक्रम तक ही न रहने दें बल्की अपने सहयोग के प्राकाश से अनगिनत आँखों की रौशनी बनकर उनके जीवन में उल्लास भर दें। इस लेख को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें जिससे सहयोग की मशाल और अधिक प्रज्वलित हो सके। सहयोग कैसे कर सकते हैं इसके लिये मेल करें.......
धन्यवाद
आपके सहयोग की अभिलाषा लिये 
अनिता शर्मा
 
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