Thursday, 29 June 2017

नई राह पर बढते कदम

किरणों का साथ पाकर जीना सीखती आशाएँ, मानो उड़ना चाहती हैं
क्षितिज के भी उस पार अजब सुर्ख एहसास से, जाग उठी सुबह के साथ....
.

मित्रों, गुजरात के डायमंड शहर सूरत में 25 जून 2017 को "आई कल्ब" द्वारा आयोजित करियर सेमीनार में अनेक ऐसे हिरे मिले जिनको थोङा सा भी तराशा जाये तो वो बेशकीमती हीरे बन जायेंगे। इस सेमिनार में सूरत के अलावा अहमदाबाद, राजकोट तथा नवसारी से भी लोग शिरकत किये थे। वहाँ उपस्थित बच्चों के मन में आगे बढने का जज़्बा काबिले तारीफ रहा। वहाँ नये विषय को लेकर पढने पर विस्तृत चर्चा हुई उसका परिणाम ये हुआ कि कुछ बच्चे अपने कंफर्ट जोन से निकलकर साहस के साथ अपने मनपसंद विषय को पढने की राह पर निकल भी गये।
इस संगोष्ठी में प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कैसे करनी है तथा आत्मनिर्भरता के लिये अन्य सभी विकल्पों पर प्रकाश डाला गया। मेरे साथ इंदौर से रजनी शर्मा जो, आन्ध्र बैंक में राज्यभाषा अधिकारी है तथा पायल जैन जो, प्राइवेट आई टी कंपनी में अकांटेंट हैं, वो भी गईं थीं। बैंक की परिक्षा तथा स्कॉलरशिप की जानकारी भी हम लोगों द्वारा शेयर की गई। वहाँ कुछ ऐसे भी नगीने मिले जो स्वंय तो आत्मनिर्भर हैं और अनेक लोगों को भी रोजगार का अवसर दे रहे हैं। दृष्टीबाधिता के बावजूद वहाँ उन बच्चों का हौसला और आगे बढने की चाह देखकर यही लगा कि, "अगर फलक को जिद है, बिजलियाँ गिराने की तो उन्हे भी जिद है,वहीं आशियाँ बनाने की"
हम लोगों के प्रति उनका प्यार और सम्मान अविसमरणिय पल है। उन लोगों के जोश को देखकर हम लोग के अंदर नई ऊर्जा का संचार हुआ तथा इस कार्य को आगे बढाने की प्रेरणा मिली और दिल ने कहा , हर तारे में एक चमक होती है, हर राह की एक मंजिल होती है, रख हौसला कुछ कर दिखाने का हर हौसले में जीत होती है। 

अपने दृष्टबाधित साथियों के लिए कहना चाहेंगे कि, "हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता है, बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाना है।"