मित्रों, हम सब के जीवन में अनेक ऐसे पल आते हैं जो अनमोल होते हैं। मेरे जीवन में भी 22 फरवरी 2025 का एक ऐसा पल है जो अवस्मरणिय रहेगा। दरअसल मेरे नाती राग (कक्षा नर्सरी) के विद्यालय विबग्योर(VIBGYOR) में ग्रांटपेरेंट्स डे मनाया गया। मेरा सौभाग्य कि मुझे इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का अवसर मिला। राग के दादा-दादी भी आये थे। इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ कुछ के दादा-दादी तो कुछ के नाना-नानी आये थे।
मित्रों, आज जिस तरह से रोजगार की वजह या अन्य वजह से एकल परिवार अपनी जङों से दूर हो रहा वहां स्कूल के माध्यम से दादा-दादी एवं नाना-नानी को महत्व देना और बच्चों के साथ विद्यालय परिसर में समय व्यतीत करने का अवसर देना एक सार्थक सोच है। एक बच्ची के साथ तो पङोस में रहने वाली दादी आई क्योंकि उसके दादा-दादी नहीं आ पाये थे, इस बात से इस कार्यक्रम का महत्व और भी बढ जाता है।
कहते है, मूल से ज्यादा ब्याज प्यारा होता है। नन्हे मुन्ने जिवंत फूलों के साथ नाचना, खेलना समय व्यतीत करना ऐसा पल है जिससे जिंदगी को नई ऊर्जा मिलती है और बच्चों के साथ अपने बच्चों का बचपन याद आ जाता है।
फिलहाल ग्रांडपेरेंट कार्यक्रम में सभी पुराने गीतों के साथ हम लोगों को खेलने का मौका दिया गया। सभी दादा-दादी एवं नाना-नानी ने सभी खेलों को पूरी उत्साह से खेला और बच्चों की तरह चिटिंग भी की जिससे बच्चे बुढे एक समान की कहावत सत्य हुई। उम्र का तकज़ा है इसलिए कुछ स्टिक के सहारे थे फिर भी खेल में जोश बराबर था। हम सबको अपना बचपन जीने का भी अवसर मिला। सभी बच्चे भी बहुत उत्साहित थे।
सभी प्यारे-प्यारे नन्हे-नन्हे बच्चों ने स्वागत गीत (Welcome Song) से हम सबका स्वागत किया और हमलोगों के लिए प्यारा सा डांस भी किया। बच्चों की मीठी आवाज के जादू से सब मंत्रमुग्ध हो गये। पूरा विद्यालय ऐसे सजा था मानो हम लोगों का ही विद्यालय हो। सभी शिक्षिकाओं की मेहनत का ही परिणाम था कि, पूरा माहौल एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहा था। VIBGYOR विद्यालय ने बच्चों के अभिभावकों के अभिभावक को विद्यालय में आमंत्रित करके अपने सातरंगों के इंद्रधनुषी नाम को सार्थक कर दिया। भविष्य में अन्य विद्यालय भी इस सोच को बढावा दें यही अभिलाषा है।
ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, प्रत्येक सदस्य खुशी का अनुभव कर रहा था। सच ही तो है, बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं ,उनके साथ रहने पर आत्मा स्वस्थ होती है। बच्चे हमारे सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं। ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि, हमारे बच्चों के अनमोल बच्चे सदैव स्वस्थ रहें, मस्त रहें अपने अभिभावकों और शिक्षकों के सही मार्दर्शन से भारत का उज्जवल भविष्य लिखें, यशस्वी बने। मेरे जीवन का तो ये अविस्मरणिय पल था, उस पल जो अनुभूति हुई उसे शब्दों में बताना पूर्णतः संभव नही है। अपनी भावना को व्यक्त करने का एक प्रयास किये हैं।
सभी प्यारे-प्यारे नन्हे-नन्हे बच्चों ने स्वागत गीत (Welcome Song) से हम सबका स्वागत किया और हमलोगों के लिए प्यारा सा डांस भी किया। बच्चों की मीठी आवाज के जादू से सब मंत्रमुग्ध हो गये। पूरा विद्यालय ऐसे सजा था मानो हम लोगों का ही विद्यालय हो। सभी शिक्षिकाओं की मेहनत का ही परिणाम था कि, पूरा माहौल एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहा था। VIBGYOR विद्यालय ने बच्चों के अभिभावकों के अभिभावक को विद्यालय में आमंत्रित करके अपने सातरंगों के इंद्रधनुषी नाम को सार्थक कर दिया। भविष्य में अन्य विद्यालय भी इस सोच को बढावा दें यही अभिलाषा है।
ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, प्रत्येक सदस्य खुशी का अनुभव कर रहा था। सच ही तो है, बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं ,उनके साथ रहने पर आत्मा स्वस्थ होती है। बच्चे हमारे सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं। ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि, हमारे बच्चों के अनमोल बच्चे सदैव स्वस्थ रहें, मस्त रहें अपने अभिभावकों और शिक्षकों के सही मार्दर्शन से भारत का उज्जवल भविष्य लिखें, यशस्वी बने। मेरे जीवन का तो ये अविस्मरणिय पल था, उस पल जो अनुभूति हुई उसे शब्दों में बताना पूर्णतः संभव नही है। अपनी भावना को व्यक्त करने का एक प्रयास किये हैं।
कुछ पंक्तियों के साथ अपनी कलम को विराम देते हैं
बच्चे मन के सच्चे , सारे जग के आँख के तारे
ये जो नन्हे फूल हैं वो, भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे..
आप सभी पाठकों से निवेदन है कि, ऐसा कोई पल जो आपके लिए महत्वपूर्ण हो कमेंट में अवश्य शेयर करें
धन्यवाद
जय हिंद वंदे मातरम्