अमावस की अँधियारी रात में, रौशनी
का आगाज हो।
माटी के इस दिपक में, ज्ञान की
बाती और बुद्धि का प्रकाश हो।
सुख-समृद्धि की रंगोली से, हर आँगन
मंगलमय हो।
स्वास्तिक की शुभता में, सबके सपने
साकार हो।
भाई-चारे की मिठास में, चहुँ ओर
दियों की मंगल कामना हो।
हार्दिक बधाई के साथ दिपों के
प्रकाश में, दिपावली शुभ हो।
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