नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामना के साथ आज हम सब मिलकर संकल्प करें कि, परिस्थित कुछ भी हो हम सब जिंदगी को सुरक्षित और खुशहाल वातावरण प्रदान करेंगे। यदि हर हाल में हम सहज रहने का संकल्प कर लें तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें विचलित नहीं कर सकती। जीवन का शास्वत सच है कि, जिंदगी का चक्र गतिशील है। इसमें सुख-दुःख, प्राकृतिक परिवर्तन की तरह हैं। अर्थात... रात के बाद उजली सुबह , पतझङ के बाद बसंत............
यदि जीवन में कभी बुरे दिन से रूबरू हो भी जायें तो ये हौसला रखें कि, दिन बुरा है जिंदगी नहीं। यदि हम प्रकृति से परिवर्तन का मंत्र सीखकर जीवन को उत्सर्ग कर देने का जज़्बा रखते हैं तो यकीन करें ईश्वर का वरदहस्त प्रतिपल साथ रहता है। निःसंदेह ऐसे में नियति का विधान भी सकारात्मक पूर्णता के लिए प्रतिबद्ध रहता है।
दृण संकल्प के साथ मन में ये भरोसा अवश्य रखें कि, जब हम किसी का अच्छा कर रहे होते हैं ,तब हमारे लिए कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है। सच तो ये है कि, जिंदगी एक आइना है, वो तभी मुस्कुरायेगी जब हम मुस्कुराएंगे। जीवन का सबसे कठिन दौर वो नही है जब कोई हमें न समझे बल्की वो होता है जब हम अपनेआप को न समझें। इसलिए स्वयं की नजर में यदि सही हैं तो दुनिया की परवाह न करें, वो तो भगवान से भी दुखी है। नव वर्ष मे सकारात्मक सोच का संकल्प करें और खुद पर भरोसा करके आगे बढते रहें।
नही ठहरती मुश्किलें जिंदगीभर ,जिंदगी में । हर मुश्किल का एक सुनहरा अंत होता है। रख भरोसा खुदपर, पतझड के बाद ही बसंत आता है।
सकारात्मक सोच के साथ कलम को विराम देते हैं.......
नव वर्ष , गुणी पड़वा , नवरात्र एवं रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
नए वर्ष का यह प्रभात
खुशियों की सौगात लाये
मिट जाये सब मन का अँधेरा
चहुँओर उजाला हो जाये
जय माता दी
जय श्रीराम