Sunday, 8 September 2013

गणेंश चतुर्थी के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई



बुद्धिदाता, विघ्नहर्ता भगवान गणेश के हर एक नाम में अपने भक्तों का उद्धार छुपा हुआ है। शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट व गहरा अर्थ निहित है। शिवमानस में श्री गणेश को ओमकार: (ॐ) कहा गया है। इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूँड है। गौरीसुत, महागणपति सारे ब्रह्मांड के भगवान हैं।सभी शुभ कार्य के देव प्रथमेश्वर सफलता के स्वामी हैं। देवों के देव वक्रतुण्ड ज्ञान के दाता हैं। बाधाओं को हरने वाले,  सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले सिद्दिविनायक को कोटी-कोटी प्रणाम  है।
मंगलमूर्ती गजानन के बारे में अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

http://roshansavera.blogspot.in/2012/09/blog-post_5322.html





2 comments:

  1. Aapko bhi dheron shubhkaamnaein.

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  2. Vibhinn rupoan wale sharisti ke Rachayita avm सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले सिद्दिविनायक को कोटी-कोटी प्रणाम है।
    Brij Bhushan Gupta, New Delhi, 9810360393

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