Friday 2 January 2015

आशाओं का दीप जलाएं


मित्रों, हम सब नये वर्ष का स्वागत नई उम्मीद और नई आशाओं के साथ पूरे जोश एवं उत्साह से करते हैं। तारीखें बदल जाती है, कलेंडर बदल जाते हैं किन्तु मन में ये आशा बरकरार रहती है कि, क्या पता आने वाला वर्ष हमारे जीवन को एक सुनहरा यादगार पल दे जाये। ये सच भी है दोस्तों, क्योंकि उम्मीद पर ही दुनिया टिकी है। जब भी हम लोग हताश या परेशान होते हैं, तो हमारे शुभचिंतक हमें यही कहकर समझाते हैं कि उम्मीद रखो सब अच्छा होगा।  उम्मीद के इस दिये की रौशनी में हम सब अपनो की आशाओं और सपनो को, दुआओं और शुभकामनाओं से प्रकाशित करते हैं।

मित्रों, उम्मीद या आशा तो जीवन का वो अंग है जिसको अपनाने से सकारात्मक परिणामों का आगाज होता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टी से तो आशाए या उम्मीद तो एक ऐसा उपचार है, जो अवसाद में चले गये लोगों के लिये रामबांण दवा का काम करता है। 
आज हमारी तरक्की  आशावादी दृष्टीकोंण से ही संभव हुई है। दोस्तों,  लक्ष्य तक पहुँचने में अनेक बाधाएं आती हैं लेकिन आशा की किरण हर मुश्किलों को पार करने की ऊर्जा देती है। उम्मीदें नई ऊर्जा का संचार करती है। मित्रों, उम्मीद कोई सपना नही है उसमें तो आशावादी सपने को हकिकत में बदलने का हुनर होता है। यदि Hope को ध्यान से देखते हैं तो उसका प्रत्येक अक्षर कहता है Have only positive expectations.

मित्रों, आज हम मंगल पर पहुँच गये। नित नई सफलता का कीर्तिमान रच रहे हैं।  क्या कभी सोचे थे कि एक बङा बाजार हमारे हाँथ में होगा जिस पर  क्लिक करते ही हम घर बैठे ही दुनिया भर से शॉपिगं कर सकते हैं?  परंतु इसे स्नेपडील, फ्लिपकार्ड, जबांग, अमेजन डॉट कॉम जैसे ऑनलाइन कारोबार ने संभव कर दिया।  दोस्तों, ये  बाजार की नई तकनिक रातोंरात नही इजाद हुई। इसको बनाने वालों के नए आइडियाज और आशावादी सोच ने  मुश्किलों के भंवर को पार करते हुए इसे संभव किया। आज की युवा पीढी तो ज्यादा क्रिएटिव और इनोवेटिव है। आइडियाज की भी कमी नही है, बस उसे नई उम्मीद के साथ इम्पलीमेंट करने की जरूरत है। हर असफलताएं एक नई सफलता का रास्ता भी दिखाती हैं और निराशाओं में भी आशाओं का एहसास कराती हैं। जिस तरह रात के बाद सुबह की किरण इस बात का आगाज करती हैं कि सब संभव है। उसी तरह निराशाओं के घनघोर अंधकार के छटने पर आशाओं और उम्मीदों के उजाले हमें लक्ष्य की ओर ले जाते हैं। 

मित्रों, तस्वीर के दूसरे पहलु पर भी ध्यान देना चाहिये।  जिंदगी के सफर में जब हम आगे बढने का प्रयास करते हैं और अपनी सफलता के लिए दूसरों से उम्मीद लगाते हैं, तब हम अपने पैर पर कुल्हाडी मारना जैसी कहावत को ही चरितार्थ करते हैं क्योंकि दूसरों से की गई आशाएं और उम्मीदें अक्सर दुःख का कारण बनती है

अतः हमें आशाओं की ऊर्जा से अपनी काबलियत और कार्यशैली को रिचार्ज करना चाहिये। पुरानी निराशावादी यादों को अपनी मेमोरीकार्ड से डिलिट कर देना चाहिये। जिससे हम सब नये मेमोरीकार्ड में नई उम्मीद के साथ आने वाले सुनहरे पल को संभव कर सकें। मित्रों, उम्मीद तो वर्षों से दरवाजे पर खङी वो मुस्कान है, जो हमारे कानो में धीरे से कहती है सब अच्छा होगा। 



"मन की अलसाई सरिता में, नई उम्मीदों की नाव चलाए।
            नभ की सिमाओं पर, आशाओं का दीप जलाएं।।" 

Have a Successful Year  



4 comments:

  1. आज में आप के ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ और आप के पोस्ट पढ़े.. जो की अति प्रेरणादायक और उपयोगी है . ब्लाइंड स्टूडेंट्स के लिए जो कार्य आप कर रही है उसके लिए शुभ कामनाएं .. मैं आप को अनीता जी नमन करती हूँ . आप का कार्य अति प्रशंनीय है.

    http://prathamprayaas.blogspot.in/-सफलता के मूल मन्त्र

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  2. महान दार्शनिक अरस्तु ने कहा है आशा जगे हुए व्यक्ति का स्वप्न है .
    Let's have dreams let's have HOPE

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  3. "आशाओं का दीप जलाएं: सुन्दर प्रस्तुति.

    अनिल साहू

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