Tuesday, 31 January 2017

जय-जय माँ सरस्वती



जयती जय-जय माँ सरस्वती
जयती वीणा वादिनी
आए तेरे द्वार पर हम
कर कृपा सुर दायिनी---
कर कृपा हम पर हे माता
ज्ञान की गंगा बहा
मिटे बैर भारत से 
हिंसा का हो अंत
राष्ट्रीयता की भावना 
हो परम घर्म,
 तेरी विणा के सुर से 
बहे सुख शांति और समृद्धि की बयार 
 जयती-जय-जय माँ सरस्वती
जयती वीणा वादिनी—

 माँ सरस्वती का आर्शिवाद हम सब पर सदैव रहे इसी अभिलाषा के साथ सभी  पाठकों को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें।

Wednesday, 25 January 2017

गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई


सभी पाठकों को 68 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

Monday, 23 January 2017

बेटियों का दिल से करें स्वागत

मित्रो, नवरात्री के अवसर पर समस्त भारत में  कन्याओं को सम्मान दिया जाता है। उनकी पूजा करके हम सब देवी माँ की आराधना करते हैं। लेकिन क्या हम पूरे वर्ष या कहें ताउम्र बच्चियों को वो सम्मान देते हैं??? 
यदि सच्चाई के साथ उत्तर सोचेगें तो, यही उत्तर मिलेगा कि हम उन्हे वो सम्मान नही दे रहे हैं जिनकी वो हकदार हैं। 

मेरे पूर्व के विचारों को पढने के लिये लिंक पर क्लिक करेंः-  
बेटी बचाओ जैसी योजनाएं और अनेक कार्यक्रम इस बात की पुष्टी करते हैं कि आज अत्याधुनिक 21वीं सदी में भी हम लिंगानुपात के बिगङते आँकङे को सुधार नही पा रहे हैं। पोलियो, कैंसर, एड्स जैसी बिमारियों को तो मात दे रहे हैं किन्तु बेटीयों के हित में बाधा बनी संकीर्ण सोच को मात नही दे पा रहे हैं।
Read More:-   बेटी है तो कल है

मित्रों मेरा मानना है कि, कैंसर से भी गम्भीर बिमारी से ग्रसित हमारी दकियानुसी रुढीवादी सोच का कुठाराघात बेटीयों पर जन्म से ही होने लगता है। अनेक जगहों की प्रथा के अनुसार बेटा होने पर उसका स्वागत थालियों, शंख तथा ढोल बजाकर करते हैं वही बेटी के जन्म पर ऐसा सन्नाटा जैसे कोई मातम मनाया जा रहा हो। 

   Read More:-   रुढीवादी सोच को अलविदा कहें

प्रसिद्ध कवित्री सुभद्राकुमारी चौहान जब अपनी बेटी की शादी कर रहीं थीं तो, विवाह संस्कार में कन्यादान की प्रथा को करने से, उन्होने एवं उनके पति ने ये कहते हुए मना कर दिया कि मेरी बेटी कोई वस्तु नही है और उन दोनों ने कन्यादान की रस्म नही की। 

Read More:-  बालिका दिवस पर सभी बेटीयों को बधाई

बेटी बिना नही बनता घरौंदा। विश्व जननी का ही एक रूप है बेटी। सदा उसका सम्मान करें 
A Daughter is one of the most beautiful gifts this world has to give 

धन्यवाद ः)  







Wednesday, 11 January 2017

कैश लेस और बैग लेस युग में दिव्यांगो की शिक्षा का विशेष मंच "Voice For Blind"

दोस्तों, एक पंक्ति बहुत कॉमन है कि, “जो दिखता है वो बिकता है” सच तो ये भी है कि, ऐसे कई आयाम हैं जो दिखते नही परंतु सफल विकास में नींव के पत्थर की तरह मजबूत आधार प्रदान करते हैं। फिल्मों की सफलता के पीछे हजारों ऐसे हाँथ होते हैं जो दिखते नहीं, किसी भी शानदार इमारत की नींव दिखती नही परंतु इमारत को चिरकाल तक स्थाई रखने में नींव के योगदान को नकारा नही जा सकता। आज विकास के इस दौर में रोटी, कपङा और मकान के साथ शिक्षा एवं रोजगार भी मूलभूत आवश्यकता है। शिक्षा की इस मूहीम में वॉइस फॉर ब्लाइंड अपने दृष्टी दिव्यांग साथियों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में प्रयासरत है। 

आज भारत डिजिटल इंडिया की ओर बढ रहा है, जहाँ शिक्षा के आयाम भी बदल रहे हैं। नित नई टेक्नोलॉजी के साथ हमसब कदम ताल करते हुए आगे बढ रहे हैं। जहाँ तीन दशक पहले अपने 
दृष्टी  दिव्यांग साथी कैसेट के माध्यम से पढते थे, वहीं आज ई लर्निंग के तहत गूगल ड्राइव, पेन ड्राइव के साथ यूट्यूब तथा वाट्सएप पर शिक्षा अर्जित कर रहे हैं। शिक्षा के ये नये आयाम अपने  दृष्टी दिव्यांग साथियो की पढाई को सुगम बना रहे हैं। मित्रों, ये लेख लिखने का खास मकसद है, 
दरअसल वॉइस फॉर ब्लाइंड ई लर्निंग का ऐसा मंच है जो दिखता नही किंतु हजारों प्रिंट दिव्यांग साथियों को देश दुनिया की जानकारी से अपडेट कराते हुए, शिक्षा की अलख वाट्सएप तथा यूट्यूब के माध्यम से प्रदान कर रहा है जिसके प्रकाश में इंदौर के अलावा भारत के विभिन्न राज्यों के दृष्टी दिव्यांग साथी लाभान्वित होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। फिर भी समाज द्वारा अक्सर ये पूछा जाता है कि, आपकी संस्था में  कितने बच्चे रहते हैं? 

दोस्तो, वॉइस फॉर ब्लाइंड ऐसा ई मंच है जहां कागजों और भवनों से परे अनेक दृष्टीदिव्यांग साथी शिक्षित हो रहे हैं। जो उनके लिये ज्यादा सुगम(आसान) है। अहिल्याबाई की पावन नगरी के सभी सम्भ्रांत वर्ग से मेरा विशेष निवेदन है कि, ई लर्निंग के इस प्रयास में वॉइस फॉर ब्लाइंड को अपना भरपूर सहयोग प्रदान करके इंदौर को डिजिटल इंडिया के तहत ई लर्निंग का ऐसा एजुकेशन हब बनाने में सहयोग करें जिसकी आवाज चारों दिशाओं में गुंजायमान हो। इसके तहत इंदौर शहर में पाठ्य सामग्री के ध्वनांकन हेतु एक साउंड प्रूफ स्टुडियो का आगाज है, जहां उच्च तकनिकी माध्यम से ई बुक रेकार्ड की जा सके तथा कम्प्युटर ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से दृष्टी  दिव्यांग साथियों को डिजीटलाइजेशन में पारंगत किया जा सके, ताकि हमारे  दृष्टी दिव्यांग साथी भी कैश लेस और बैग लेस समाज में मुख्यधारा के साथ कदमताल कर सकें। If you want to CONTACT us, Kindly E:- Mail  us at voiceforblind@gmail.com