Tuesday 4 April 2017

मेरा परिचय (Anita Sharma)


बचपन से ही परिवार द्वारा सामाजिक कार्यों को देखते हुए मन में समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास लिये 14-15 वर्ष की उम्र में स्वामी विवेवेकानंद जी को पढने का अवसर मिला और बनारस में रामकृष्ण मिशन के अस्पताल में कुछ सेवा करने का अवसर मिला, जिसके तहत वहाँ स्थित बुजुर्ग मरिजों को अखबार एवं मैग्जीन पढकर सुनाना मन को बहुत अच्छा लगता था। शादी के बाद भी जिस भी शहर में ट्रांसफर होता वहाँ के किसी भी अनाथालय में जाकर बच्चों को पढाना तथा बुजुर्ग आश्रम में जाने का सिलसिला बरकरार रहा। विवेकानंद जी की शिक्षा को जीवन में अमल करने का प्रयास निरंतर जारी है।

दृष्टीबाधित क्षेत्र में मेरा सफर 2011 से इंदौर की दृष्टीबाधित बालिकाओं को पढाने के साथ शुरू हुआ फिर उनकी पाठ्य सामग्री को रेकार्ड भी करने लगे। रेकार्डिंग से बच्चों को शिक्षा में काफी मदद मिलने लगी और एक दूसरे से पता चलते कई दृष्टीबाधित बच्चे हमसे रेकार्डिंग कराने लगे। सबसे पहले दिल्ली की संस्था आई वे ने मेरा इंटरव्यु लिया और मेरे इस इंटरव्यू को रौशनी का कारवाँ नामक प्रोग्राम के माध्यम से विविधभारती पर प्रसारित हुआ, जिसे भारत के विभिन्न राज्यों के 35 शहरों में सुना गया और भारत के कई शहरों और राज्यों के बच्चे मुझसे रेकार्डिंग कराने लगे।इसके पश्चात विभिन्न दृष्टीदिव्यांग छात्र-छात्राओं के सम्पर्क में आने से यह ज्ञात हुआ कि, पाठ्यक्रम के ध्वनाकंन से अधिक समस्या प्रतियोगी परिक्षाओं से संबन्धित सामग्री के ध्वनाकंन में रहती है। जो रोजगार हेतु अत्यन्त आवश्यक है। इसिलिये दृष्टीदिव्यांग बच्चों को साक्षर के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने हेतु सामान्य ज्ञान एवं समसामयिक विषयों का ध्वनांकन प्रारंभ किया। जिसके लिये
 प्रतिदिन लगभग 5 से 6 घंटे रेर्काडिंग करते हैं। 

मेरी शिक्षा स्नातक है और सेंटजेवियर कॉलेज (बॉम्बे) से मैने रेडियो जॉकी, ब्रॉडकास्टिंग, अनाउंसिंग तथा डबिंग का कोर्स किया है। इस क्षेत्र में काम का मुझे अच्छा अवसर मिला। लेकिन अब हम पूरी तरह से बिना किसी आर्थिक लाभ के दृष्टीबाधित बच्चों के लिये काम कर रहे हैं। मुझे आत्मिय खुशी मिलती है कि, मेरी आवाज माँ सरस्वति के कार्य़ में लगी है।

मेरा मानना है कि, किसी सार्थक काम का मौका देकर जिंदगी हमें सबसा बङा ईनाम देती है।

मेरा उद्देश्य है शिक्षा के माध्यम से दृष्टीबाधित बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना.

जिसके तहत......
1 = शिक्षा संबन्धी पाठ्य पुस्तक को रेकार्ड करना। जिसे बच्चे पोस्ट के द्वारा हमें भेजते हैं। रेकार्ड करके CD एवं DVD में कॉपी करके डाकविभाग के माध्यम से भेजना।

2 = विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं हेतु जैसे की बैंक, आई ए एस, पी सी एस, रेल , यूजीसी नेट की अध्ययन सामग्री को रेकार्ड करके उन बच्चो को देना जो प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करके आत्म निर्भर बनना चाहते हैं।

3 = प्रतियोगी परिक्षाओं का ऑडियो YouTube पर अपलोड करना, जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे लाभांवित हों। इस प्रयास से कई दृष्टी सक्षम बच्चों को भी शिक्षा में मदद मिल रही है।

4 = परिक्षा के समय दृष्टीबाधित बच्चों को scribe (सहलेखक) उपलब्ध कराना। जिसे पूरा करने के लिये समाज में लोगों को सहलेखक के सहयोग हेतु जागरूक करना। जागरुकता का ये अभियान अच्छीखबर वेबसाइट और कुछ समाचार पत्र के सहयोग से संपादित हो रहा है। इसके अलावा हम अपने ब्लॉग पर भी लेख लिख कर लोगों को इस कार्य हेतु जागरुक करने का प्रयास कर रहे हैं।

5 = मोटीवेशनल लेख तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों का जीवन सारांश लिखना तथा उसे रेकार्ड करके ऑडियो फार्म में दृष्टीबाधित बच्चो तक पहुँचाना।

6 = 
दृष्टीबाधित बच्चों की शिक्षा को आसान बनाने के लिये नये नये सॉफ्टवेयर को सीखना। जिससे सरल ढंग से अनेक बच्चों को शिक्षा का लाभ मिल सके। इन सब प्रयासों से आज हजारों बच्चों को लाभ हो रहा है तथा कई बच्चे आत्मनिर्भर होकर अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। 

Voice For Blind 
उपरोक्त सभी कार्यों को बङे पैमाने पर करने हेतु अधिक से अधिक लोगों क संघटन आवश्यक था। इस हेतु Voice For Blind क्लब का गठन 12 जनवरी 2015 को किया गया। जिसका मकसद है भारत के लगभग सभी शहरों में रहने वाले दृष्टीदिव्यांग बच्चों की मदद क्लब सदस्यों द्वारा उनके शहर में ही मिल सके।

डिजीटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए विगत दो वर्षों से निरंतर वाट्सअप के माध्यम से दैनिक समाचार का प्रसारण किया जा रहा है, जो देश का पहला प्रयास है। जिसे Voice For Blind  के सौजन्य से अनिता शर्मा द्वार ध्वनांकित किया जा रहा है। इस प्रयास से रोज हजारों बच्चों को भारत के विभिन्न राज्यों में अखबार पढने का लाभ मिल रहा है। वाट्सअप के माध्यम से ही सामान्य ज्ञान जैसे अन्य ज्ञान वर्धक जानकारी भी प्रसारित करना। भारत में इस तरह से दृष्टीदिव्यांग साथियों को अध्ययन सामाग्री प्रेषित करना देश का पहला प्रयास है। 
News


समय-समय पर इन प्रयासों को प्रिंट मिडीया तथा इलेक्ट्रॉनिक मिडिया ने अपने-अपने कॉलम में स्थान दिया है। इंटरनेट रेडियो, " रेडियो उड़ान" पर भी मेरा साक्षात्कार प्रसारित हुआ जो दृष्टी दिव्यांग साथियों द्वारा संचालित किया जा रहा है तथा जिसका प्रसारण कई देशों में होता है। इस तरह दिन प्रतिदिन और भी बच्चों को इस प्रयास का लाभ मिल रहा है। 

Radio udaan: Ek mulakat with Mrs Anita Sharma

रेडियो करिश्मा ने लंदन से इंटरव्यू लेकर इस कार्य को एशिया के अन्य देशों तक पहुँचाया जिससे वहाँ भी इस कार्य का लाभ ले सकें। प्रतिष्ठित अच्छीखबर वेबसाइट पर भी इन प्रयासो को प्रकाशित किया जा चुका है।

नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनीता शर्मा

प्रिंट मिडिया में, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, फ्री प्रेस, अमर उजाला, पत्रिका तथा दबंग दुनिया ने भी समय-समय पर अलग-अलग गतिविधियों को प्रकाशित किया है।

शिक्षा एवं रोजगार की इस मुहीम में आपका भी स्वागत है.....

वर्तमान में हम इंदौर में अध्ययन सामग्री को रेकार्ड करने हेतु एक साउंड प्रुफ स्टुडियो का निर्माण करना चाहते हैं तथा अपने दृष्टी दिव्यांग साथियों के लिये कम्प्युटर प्रशिक्षण केन्द्र खोलना चाहते हैं। इस हेतु स्थान की व्यवस्था हो चुकी है। परंतु अन्य वस्तुएं जैसेः- कम्प्युटर एवं उससे संबन्धित उपकरण, फर्निचर तथा आधारभूत सामग्री की व्यवस्था अभी शेष है, इस हेतु आपका सहयोग! निःसंदेह अपने दृष्टी दिव्यांग साथियों को आत्मनिर्भरता का प्रकाश देगा.....

पुस्तकों को रेकार्ड करने में

परिक्षा के समय सहलेखक बनने में

और

साउंड प्रुफ स्टुडियो में एवं कम्प्युटर प्रशिक्षण केन्द्र हेतु आर्थिक सहयोग में.............

आइये हम सब मिलकर दृष्टीदिव्यांग जनों के जीवन में शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता का दीप प्रज्वलित करने का प्रयास करें
Please Watch this amazing Dance :-  A Brilliant Performance By Visually Impaired Girls 




आपके सहयोग की अपेक्षा में
अनिता शर्मा 
अध्यक्ष
अनिता दिव्यांग कल्यांण समिति
Voice For Blind 


4 comments:

  1. अनिता जी आप बहुत अच्छा और नेक काम कर रही हैं और इसमें हम पूरी तरह आपके साथ हैं.

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  2. I appreciate your work, I want to work for such a noble work.I am a Delhi university commerce graduate and now a finance professional, how can I contribute,I want to devote time in preparation of content for students.

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  3. Anita ji aapke bare me padh ke mujhe kafi prerana mili

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