प्रयास अभी शेष है
अंतिम छोर तक जंग अभी शेष है
परिस्थिति को अंतिम दौर मान कर
कभी आत्मसमर्पण न कर, उम्मीद अभी शेष है
घोर अंधकार में प्रकाश की एक धुंधली किरण काफी है !
जो हौसलों को बुलंद कर देता है
मंजिल जितनी दूर हुई , प्रयास अधिक मजबूत हुए
सघर्ष अभी जारी है ,प्रयास अभी शेष है
हार मन कर बैठ जाना नियति नहीं
लक्ष्य भेदना ही अंतिम प्रयास नहीं
लक्ष्य के उस पार जाना, अद्भुत की खोज करना
असाध्य का साधन करना
दुर्लभ को सुलभ बनाना ही अंतिम छोर नहीं
लक्ष्य के उस पार जाना अभी शेष है
प्रयास अभी शेष है
प्रयास अभी शेष है
हार मन कर बैठ जाना नियति नहीं
लक्ष्य भेदना ही अंतिम प्रयास नहीं
लक्ष्य के उस पार जाना, अद्भुत की खोज करना
असाध्य का साधन करना
दुर्लभ को सुलभ बनाना ही अंतिम छोर नहीं
लक्ष्य के उस पार जाना अभी शेष है
प्रयास अभी शेष है
प्रयास अभी शेष है
नोट-- प्रस्तुत कविता मेरी सखी सरोज यादव द्वारा लिखी गई है। सरोज जी ने अपनी कविता में आज की परिस्थिती पर बहुत सकारात्मक संदेश दिया है। सरोज जी इंदौर में जीडीसी महाविद्यालय में प्रोफेसर हैं। आप दृष्टीबाधित बालिकाओं को भी बहुत अच्छे से पढाती हैं।
लिंक पर क्लिक करके आप मेरे द्वारा लिखित सकारात्मक लेख पढ सकते हैं
Memorable Articles written by Anita Sharma
ज़िन्दगी हर कदम, एक नयी जंग हैं
धन्यवाद 😊
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Memorable Articles written by Anita Sharma
ज़िन्दगी हर कदम, एक नयी जंग हैं
धन्यवाद 😊
great Motivational poem
ReplyDeletemujhe ye Motivational poem bahut hi pasand aayi
ReplyDelete26 Ways खुद को Motivate कैसे रखे
आपका ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा,आपकी रचना बहुत अच्छी हैं।
ReplyDeleteप्रेरणादायक कविता
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