Wednesday, 8 January 2025

आज के परिदृश्य में ब्रेल की प्रासंगिकता (वाद-विवाद)

नमस्कार साथियों,

महामना दृष्टिबाधितों के मसीहा सर रॉबर्ट लुइ ब्रेल जी के 216 में जयंती के पावन अवसर पर अनीता दिव्यांग कल्याण समिति के सौजन्य से वॉइस फॉर ब्लाइंड समूह द्वारा दिनांक 4 जनवरी 2025 को 5:00 बजे शाम को ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दृष्टिबाधित वर्ग के व्यक्तियों हेतु वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसका विषय था..
(आज के परिदृश्य में ब्रेल की प्रासंगिकता)

धीरे धीरे ही सही.. पर आगे बढना जरूरी है,
कमियां ख्वाबों की बेढियां नहीं.. खुद को बेहतर बनाना जरूरी है।


उपरोक्त ज़ज्बे के साथ हमारे दृष्टिबाधित साथी निरंतर आगे बढ रहे हैं। 4 जनवरी 2025 को उपरोक्त विषय पर कई प्रबुद्ध जनों ने अपने-अपने विचार रखें तथा कई विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने इस पर वाद विवाद प्रस्तुत किया जो बेहद सराहनीय एवं प्रशंसनीय रहा। कार्यक्रम के दौरान अनीता शर्मा द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया तथा इस कार्यक्रम के समायोजन के लिए श्री मनोज कुमार राठौर प्रोफेसर सीहोर द्वारा कार्यक्रम का कुशल समायोजन एवं संचालन किया गया।

इस दौरान कार्यक्रम में इंदौर ,भोपाल ,कर्नाटक, गुजरात, दरभंगा, बिहार,उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली जैसे कई बड़े-बड़े शहरों से दृष्टिबाधित समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भागीदारी की और ब्रेल के संदर्भ में कई उपयुक्त सुझाव एवं जानकारियां प्रस्तुत की। ब्रेल की प्रासंगिकता के दौरान कई महत्वपूर्णसुझाव भी प्राप्त हुए हैं, जिन पर यदि सरकार या समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा विचार किया जाए तो निश्चित रूप से ब्रेल जो की दृष्टि बाधित व्यक्ति के जीवन का मूल आधार है वह और अधिक उपयोगी एवं सशक्त बन सकती है। कार्यक्रम में इंदौर से फिजियोथैरिपिस्ट महेन्द्र सिंह जी ने ब्रेल की उपयोगिता का अनूठा विवरण दिया उन्होने अपनी धर्म पत्नी जो दृष्टी सक्षम हैं उनको भी ब्रेल सीखा दी। जिससे उनको उनके प्रोफेशन में कार्य और सुगम हो गया।

कार्यक्रम के संचालन में कल्याण सिंह सहायक राजभाषा अधिकारी एनटीपीसी रिहंद द्वारा भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया एवं उन्होंने अपनी कविता प्रस्तुत कर महा मानव लुई ब्रेल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। इस अवसर पर सुश्री रूबी दुबे द्वारा भी लुई ब्रेल जी को श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए एक कविता प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर सबसे छोटी एवं नन्ही परी पीहू सक्सेना द्वारा अंग्रेजी में एक कविता प्रस्तुत की गई जो निश्चित रूप से बेहद सराहनीय एवं प्रशंसनीय रही। सभी ने पीहू की सराहना की, कार्यक्रम में दो ऐसे व्यक्तियों को ब्रेल पढ़ने एवं सीखने के लिए प्रोत्साहित किया गया जिसमें श्री लखन लाल जी देवास से ब्रेल सीखने के लिए अति उत्साहित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित रूबी दुबे ब्रेल सिखाने में विषेश दक्षता रखती हैं एवं लगभग 150 दृष्टीसक्षम शिक्षकाओं को ब्रेल सिखा चुकी हैं। रुबी बचपन से दृष्टिबाधित है और वर्तमान में जी एस टी विभाग में कार्यरत हैं।
कुछ सकारात्मक पंक्तियों से अपनी कलम को विराम देते हैं..

मुश्किलों की बारिश है, तो मुस्कुराती धूप भी खिलेगी।
इस फिसलन भरी राहों से निकल, हस्ती और भी निखरेगी।


पक्ष एवं विपक्ष में चयनित प्रतिभागी सुमित और अतुल भारत के भविष्य हैं। दसवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे ये बच्चे अपनी शिक्षा के प्रति बहुत जागरुक और होशियार हैं। विषय से संबन्धित उनके विचार आप सब निचे दिये विडियो के माध्यम से सुन सकते हैं।

पक्ष- में प्रथम पुरस्कार सुमित एवं
द्रुतिय- पुरस्कार रूबी दुबे
विपक्ष- में प्रथम पुरस्कार अतुल आजमगढ
पुरस्कार राशी प्रथम 700 रूपये एवं
द्रुतिय 500रूपये

अनिता दिव्यांग कल्याण समिति द्वारा गूगल पे के माध्यम से पुरस्कृत राशी प्रदान की गई। पुरस्कृत साथियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं। वाद विवाद में सहभागी सभी दृष्टीदिव्यांग साथियों का आभार 🙏

दिए गये लिंक की माध्यम से ब्रेल लीपि एवं लुई ब्रेल जी के बारे में जानकारी ले सकते हैं..

धन्यवाद
अनिता शर्मा
अध्यक्ष
अनिता दिव्यांग कल्याण समिति
Mail ID.  voiceforblind@gmail.com