
आज संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, संविधान ने राष्ट्र की विरासत को बहुत खूबसूरती से संजोया है। आज हम सब ये प्रण करें कि, भाषावाद, प्रांतवाद और संप्रदायवाद से निकलकर वशुधैव कुटुम्बकम्, सर्वेभवन्तु सुखिन: एवं वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता: जैसे आदर्शों को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे। इसी मंगलकामना के साथ सभी पाठकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद वंदे मातरम्
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