10 फरवरी 2025 के सफल कार्यक्रम को प्रजातंत्र, इंदौर समाचार एवं राज
रौशन सवेरा
Wednesday, 12 February 2025
अद्भुत सम्मान समारोह
10 फरवरी 2025 के सफल कार्यक्रम को प्रजातंत्र, इंदौर समाचार एवं राज
Sunday, 2 February 2025
मां सरस्वती को नमन
Tuesday, 28 January 2025
क्रोध का मुख्य जनक हमारी अपेक्षाएं
Saturday, 25 January 2025
76 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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आज संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, संविधान ने राष्ट्र की विरासत को बहुत खूबसूरती से संजोया है। आज हम सब ये प्रण करें कि, भाषावाद, प्रांतवाद और संप्रदायवाद से निकलकर वशुधैव कुटुम्बकम्, सर्वेभवन्तु सुखिन: एवं वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता: जैसे आदर्शों को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे। इसी मंगलकामना के साथ सभी पाठकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद वंदे मातरम्
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Monday, 13 January 2025
मकर संक्राति की शुभकामनाएं
Friday, 10 January 2025
गर्व करो हम हिंदु हैं (स्वामी विवेकानंद जी की जयंति पर विशेष)
सम्पूर्ण ब्रहमांड में हिंदुत्व का परचम लहराने वाले स्वामी विवेकानंद जी की जयंति पर उनका नमन करते हैं, वंदन करते हैं। गर्व से कहो हम हिंदु का जयकार लगाने वाले हम सबके प्रेरणास्रोत यशस्वी स्वामी विवेकानंद जी ने अपने आचार-विचार, व्यवहार एवं उपदेशों से संपूर्ण विश्व को हिंदु धर्म के प्रति नतमस्तक कराया है। आपने अपने उद्बोधन में कहा है कि,
“मुझे उस धर्म से संबन्धित होने का गौरव प्राप्त है, जिसने संसार को सहिषूणता और सर्वस्वीकृति का पाठ पढाया है। गर्व है उस धर्म पर जिसकी पवित्र भाषा संस्कृत में अंग्रेजी के शब्द एक्सक्लूजन का अनुवाद ही नही हो सकता।“
विभिन्न स्रोतों से निकलकर जिस तरह नदियां अंततः समुंद्र में मिलती हैं। उसी तरह हिंदु धर्म समुंद्र की तरह विशाल है जिसमें सभी समाहित हैं। अमेरिका में अपनी एक सभा में स्वामी जी ने एक कहानी सुनाकर हिंदु धर्म की विशेषता बताई थी, वो कहानी इस प्रकार है......
एक कूंए में एक मेंढक जन्म से रहता था। वह जल के क्षुद्र जंतुओं और किङों को खाकर मोटा तगङा हो गया था। एक दिन समुंद्र से एक मेंढक उधर आया और कूंए में गिर गया। कूपमंडुप मेंढक ने पूछा तुम कहां से आये हो! दूसरे ने कहा मैं समुंद्र से आया हूं। कूपमंडुप मेंढक ने पूछा समुंद्र कितना बङा है और इतराते हुए एक छलांग लगा ली कूंए में। दूसरे मेंढक ने कहा मित्र, तुम संमुद्र की तुलना कूंए से कैसे कर सकते हो! कूपमंडुप मेंढक चिढकर बोला जा जा मेरे कुएं से बङा समुंद्र हो ही नहीं सकता। कूपमंडुप मेंढक की तरह ही अनेक धर्मावलंबी संकीर्ण भाव की कलह के कारण यही सोचते हैं कि उनका धर्म सबसे बङा है।
परंतु सच तो ये है कि, हिंदु धर्म जिसने संसार के सभी धर्मों और देशों के उत्पिङित और निराश्रित लोगों को अपने यहां आश्रय देता है। हिंदु धर्म तो वो है जिसने इसराइलियों के अवशेषों को अपने में सुरक्षित रखा है। हिंदु धर्म पर गर्व है उसने महान जोरोस्त्रियन राष्ट्र को आश्रय दी और आज भी पालन कर रहा है। गीता में कहा गया है कि, विभिन्न-विभिन्न रूची के अनुसार , विभिन्न कुटिल एवं सरल मार्ग से चलने वाले लोग सब आकर मुझमें यानि हिंदु धर्म में ही शरण लेते हैं।
स्वामी जी अपनी बात जिस शालिनता से कहते थे, उससे शायद ही कोई रुष्ट होता था। स्वामी जी सभा में गीता को प्रचारित प्रसारित करते हुए कहते हैं कि, आज की यह सभा संसार की सर्वश्रेष्ठ सभाओं में से एक है, गीता में कही बात का संकेत है। गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि, हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूं। क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं। विश्व की धरा पर सबसे प्राचीन और समभाव का प्रतीक हिंदु धर्म है।
ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, स्वामी जी द्वारा विश्व पटल पर हिंदु धर्म की अलौकिक समिक्षा हम सबको गौरवांवित करती है। शांति की पताका लिए हिंदु धर्म शौर्य का प्रतीक है। पुरषोत्म राम का त्याग, कृष्ण की लिलाओं का सजिव वर्णन है हिंदु घर्म। सूर, कबीर, मीरा रैदास की मधुर वाणी का संगीत है हिंदु धर्म। अतिथि देवो भवः का संस्कार है हिंदु घर्म। इसी स्वाभिमान से भरे भावों में हम अपनी कलम को विराम देते हैं.. हिंदु धर्म के उज्जवल प्रकाश में रोम-रोम स्वाभिमान से कहता है,, गर्व हमें हम हिंदु हैं
जय हिंद वंदे मातरम्
जय हिंदु धर्म
Wednesday, 8 January 2025
आज के परिदृश्य में ब्रेल की प्रासंगिकता (वाद-विवाद)
महामना दृष्टिबाधितों के मसीहा सर रॉबर्ट लुइ ब्रेल जी के 216 में जयंती के पावन अवसर पर अनीता दिव्यांग कल्याण समिति के सौजन्य से वॉइस फॉर ब्लाइंड समूह द्वारा दिनांक 4 जनवरी 2025 को 5:00 बजे शाम को ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दृष्टिबाधित वर्ग के व्यक्तियों हेतु वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसका विषय था..
धीरे धीरे ही सही.. पर आगे बढना जरूरी है,
कमियां ख्वाबों की बेढियां नहीं.. खुद को बेहतर बनाना जरूरी है।
उपरोक्त ज़ज्बे के साथ हमारे दृष्टिबाधित साथी निरंतर आगे बढ रहे हैं। 4 जनवरी 2025 को उपरोक्त विषय पर कई प्रबुद्ध जनों ने अपने-अपने विचार रखें तथा कई विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने इस पर वाद विवाद प्रस्तुत किया जो बेहद सराहनीय एवं प्रशंसनीय रहा। कार्यक्रम के दौरान अनीता शर्मा द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया तथा इस कार्यक्रम के समायोजन के लिए श्री मनोज कुमार राठौर प्रोफेसर सीहोर द्वारा कार्यक्रम का कुशल समायोजन एवं संचालन किया गया।
कार्यक्रम के संचालन में कल्याण सिंह सहायक राजभाषा अधिकारी एनटीपीसी रिहंद द्वारा भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया एवं उन्होंने अपनी कविता प्रस्तुत कर महा मानव लुई ब्रेल के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। इस अवसर पर सुश्री रूबी दुबे द्वारा भी लुई ब्रेल जी को श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए एक कविता प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर सबसे छोटी एवं नन्ही परी पीहू सक्सेना द्वारा अंग्रेजी में एक कविता प्रस्तुत की गई जो निश्चित रूप से बेहद सराहनीय एवं प्रशंसनीय रही। सभी ने पीहू की सराहना की, कार्यक्रम में दो ऐसे व्यक्तियों को ब्रेल पढ़ने एवं सीखने के लिए प्रोत्साहित किया गया जिसमें श्री लखन लाल जी देवास से ब्रेल सीखने के लिए अति उत्साहित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित रूबी दुबे ब्रेल सिखाने में विषेश दक्षता रखती हैं एवं लगभग 150 दृष्टीसक्षम शिक्षकाओं को ब्रेल सिखा चुकी हैं। रुबी बचपन से दृष्टिबाधित है और वर्तमान में जी एस टी विभाग में कार्यरत हैं।
मुश्किलों की बारिश है, तो मुस्कुराती धूप भी खिलेगी।
इस फिसलन भरी राहों से निकल, हस्ती और भी निखरेगी।
पक्ष एवं विपक्ष में चयनित प्रतिभागी सुमित और अतुल भारत के भविष्य हैं। दसवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे ये बच्चे अपनी शिक्षा के प्रति बहुत जागरुक और होशियार हैं। विषय से संबन्धित उनके विचार आप सब निचे दिये विडियो के माध्यम से सुन सकते हैं।
पक्ष- में प्रथम पुरस्कार सुमित एवं
द्रुतिय- पुरस्कार रूबी दुबे
विपक्ष- में प्रथम पुरस्कार अतुल आजमगढ
पुरस्कार राशी प्रथम 700 रूपये एवं
द्रुतिय 500रूपये
अनिता दिव्यांग कल्याण समिति द्वारा गूगल पे के माध्यम से पुरस्कृत राशी प्रदान की गई। पुरस्कृत साथियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं। वाद विवाद में सहभागी सभी दृष्टीदिव्यांग साथियों का आभार 🙏
अनिता शर्मा
अध्यक्ष
अनिता दिव्यांग कल्याण समिति
Mail ID. voiceforblind@gmail.com
Tuesday, 31 December 2024
Welcome 2025 (Happy New Year)
Tuesday, 24 December 2024
भारत रत्न अटल जी के शताब्दी वर्ष पर अभिनन्दन
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को सौवें जन्मदिन पर वंदन करते हैं और नमन करते हैं। अटल जी का जीवन एक ऐसी सकारात्मक किताब है ,जिसको आत्मसात करने से यथार्थ जीवन को सुगम बना सकते हैं। बाधाओं के बावजूद निरंतर गतिमान जीवन शैली के धनी अटल जी की कविताएं प्रेरणास्रोत हैं। प्राथमिक शिक्षा से लेकर राजनीति के शिखर तक आपने अपनी अद्भुत यात्रा में अनेक अविस्मरणिय कार्य किये हैं। विश्व पटल पर विवाद शुन्य व्यक्तित्व के धनी अटल जी से मर्यादा पूर्ण वार्तालाप करने का गुंण सिखा जा सकता है। ईश्वर जीवन में इतनी ऊँचाई न देना कि अपनो को गले भी न लगा सकुं ऐसी उदारता के प्रतीक थे अटल जी। अपने राजनीति सफर में आपने अनेक अभूतपूर्व और असंभव कार्य किये जिसे स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। अभिनंदन करते हुए अटल जी की लिखी प्रसिद्ध पंक्ति हार नही मानुगा रार नही ठानुंगा को जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हुए कलम को विराम देते हैं।
अटल जी के व्यक्तित्व को विस्तार से जानने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें ..
संसदिय गरिमा को आत्मसात करने वाले, आदरणीय अटल जी
जनजन के प्रिय नेता संवेदनशील कवि अटल जी
जय हिंद वंदे मातरम्
Tuesday, 19 November 2024
शुभं जन्मदिनम्
मित्रों, आज मेरे जीवन के साठ वर्ष कुछ खट्टी-मीठी योदों के साथ पूर्ण हो गये। कल जो वर्तमान था आज अतीत बन गया है। बचपन, यौवन जीवन की आपाधापी में गुजरे जमाने का हिस्सा बन गया। कभी खुशी-कभी गम का तराना, वर्तमान में जियो इसी सोच में गुनगुनाते बीत गया।आज नई जिम्मेदारियों के साथ गरिमामय शब्द वरिष्ठ नागरिक की श्रेंणी में शामिल हो गये।आज मन किया लिखुं बिते साठ वर्षों में जीवन ने क्या खोया क्या पाया.. कुछ दिल का दिल में रह गया, कुछ बिन मांगे मिल गया।
ज़िन्दगी तो एक ढलती शाम की तरह है, जिसमें कहीं उथल-पुथल है, तो कहीं थोड़ा आराम भी।
जीवन के अगले अध्याय में परिणय सूत्र में बंघने का पल आया।भाईयों के प्यार ने पिता की कमी का अहसास होने नहीं दिया। जन्म के बाद से पहली बार धूम-धाम से जन्मदिन मना तद्पश्चात वरमाला से विवाह का कार्यक्रम शुरु हुआ। दरअसल हमने मां से शिकायत की थी कि भाई का जन्मदिन मनाती हैं आप, बेटियों के साथ भेदभाव क्यों करती हैं। उनका वादा था कि इसबार जरूर मनायेंगे तुम्हारा जन्मदिन। ये संयोग ही रहा कि ईश्वर ने उनको वादा पुरा करने का शुभअवसर दे दिया। हिंदी महिने के अनुसार 21 नवम्बर को वही जन्मतिथी पङ गई जब शादी की तारिख पंडितों द्वारा निकली। हर्ष और उल्लास के साथ जिन्दगी नई दिशा में चल पङी.. नये लोग नया परिवार ये भी हमारे पूर्व कर्मो के आधार पर बहुत अच्छा मिला। ससूर के रूप में पिता मिले जिन्होने अपने जीवन परयंत मेरी मां को दिये वादे को निभाया। सास के रूप में मां मिली, जिन्होने बिना किसी उलहाने के घर गृहस्थी सिखाई। नये परिवार के अन्य सदस्यों का भी प्यार और साथ मिला। नौकरी की वजह से बाहर रहने से सासु मां का सानिध्य ज्यादा रहा। जीवन के हरपल सुख-दुख में साथ देने वाले साथी का क्या कहना.. सामाजिक बुराई दहेज के खिलाफ, लङकियों को भी सम्मान से जीने के लिए आर्थिक सक्षम होने की सोच रखने वाले, पत्नी के आने के बाद भी घर में खाना बनाने में या अन्य कार्यों में भी सहयोग करने में कोई संकोच नहीं करते। उनके इसी व्यवहार के कारण आसपास के कई लोग कहते थे कि आप लोगों की लव-मैरिज हुई है क्या। ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि अब तक का जीवन उनके साथ बहुत अच्छा बिता। ऐसा नही है कि कभी बहस या झगङा नही हुआ पर आज जिस मुकाम पर हैं वहां सोचते हैं तो लगता है, जो किया, कहा, माना उसमें भला-बुरा जिंदगी में अनुभव की कमी ही रही। वरना सच तो ये है कि मिठे के साथ नमकीन भी जरूरी है। लोकिन नमकीन की अधिकता जीवन को कसैला भी बना सकती है, इसका बैलेंस होना भी जरूरी है। धूप-छांव की बराबर मात्रा से ही तो जीवन पल्वित होता है।
आज मेरे जन्मदिन पर स्वयं को भी शुभकामनाएं देते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.. जितना भी शेष जीवन है वो मनचाही समाज सेवा भी कर सके क्योंकि दृष्टीबाधित बच्चों के साथ बिताया सफर भी जीवन को नित नई ऊर्जा प्रदान करता रहा है। ये बहुत बङा सत्य है कि ऊपर वाले ने सबके के लिए रास्ता तय करके रखा है। वो अपने बंदो को सहयोग की भावना के लिए आगे बढने की प्रेरणा देता है। किसकी कब सहायता करनी है उसके इशारे से ही होती। हमसब तो उसके संसाधन हैं। सहयोग संसाधन लिस्ट में ईश्वर हमें भी बराबर बनाये रखे। स्वस्थ रहें, जिंदगी से कोई शिकायत न रहे ऐसी भावना हो। जिंदगी तो एक किताब की तरह है.. जिसके कुछ अध्याय दुखद, कुछ सुखद और कुछ रोमांचक हैं। अब अगला पन्ना पलटेंगे तब पता चलेगा कि आगे क्या लिखा है.. भरोसा है जो भी लिखा होगा अच्छा होगा, अच्छे के लिए ही होगा। फिलहाल आज अपनी खुशनुमा यादों के साथ जन्मदिन मनाते हैं और जेहिं बिधी राखे राम तेहीं बिधी रहिये आप पर अमल करते हैं।