रौशन सवेरा
Tuesday, 31 December 2024
Welcome 2025 (Happy New Year)
Tuesday, 24 December 2024
भारत रत्न अटल जी के शताब्दी वर्ष पर अभिनन्दन
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को सौवें जन्मदिन पर वंदन करते हैं और नमन करते हैं। अटल जी का जीवन एक ऐसी सकारात्मक किताब है ,जिसको आत्मसात करने से यथार्थ जीवन को सुगम बना सकते हैं। बाधाओं के बावजूद निरंतर गतिमान जीवन शैली के धनी अटल जी की कविताएं प्रेरणास्रोत हैं। प्राथमिक शिक्षा से लेकर राजनीति के शिखर तक आपने अपनी अद्भुत यात्रा में अनेक अविस्मरणिय कार्य किये हैं। विश्व पटल पर विवाद शुन्य व्यक्तित्व के धनी अटल जी से मर्यादा पूर्ण वार्तालाप करने का गुंण सिखा जा सकता है। ईश्वर जीवन में इतनी ऊँचाई न देना कि अपनो को गले भी न लगा सकुं ऐसी उदारता के प्रतीक थे अटल जी। अपने राजनीति सफर में आपने अनेक अभूतपूर्व और असंभव कार्य किये जिसे स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। अभिनंदन करते हुए अटल जी की लिखी प्रसिद्ध पंक्ति हार नही मानुगा रार नही ठानुंगा को जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हुए कलम को विराम देते हैं।
अटल जी के व्यक्तित्व को विस्तार से जानने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें ..
संसदिय गरिमा को आत्मसात करने वाले, आदरणीय अटल जी
जनजन के प्रिय नेता संवेदनशील कवि अटल जी
जय हिंद वंदे मातरम्
Tuesday, 19 November 2024
शुभं जन्मदिनम्
मित्रों, आज मेरे जीवन के साठ वर्ष कुछ खट्टी-मीठी योदों के साथ पूर्ण हो गये। कल जो वर्तमान था आज अतीत बन गया है। बचपन, यौवन जीवन की आपाधापी में गुजरे जमाने का हिस्सा बन गया। कभी खुशी-कभी गम का तराना, वर्तमान में जियो इसी सोच में गुनगुनाते बीत गया।आज नई जिम्मेदारियों के साथ गरिमामय शब्द वरिष्ठ नागरिक की श्रेंणी में शामिल हो गये।आज मन किया लिखुं बिते साठ वर्षों में जीवन ने क्या खोया क्या पाया.. कुछ दिल का दिल में रह गया, कुछ बिन मांगे मिल गया।
ज़िन्दगी तो एक ढलती शाम की तरह है, जिसमें कहीं उथल-पुथल है, तो कहीं थोड़ा आराम भी।
जीवन के अगले अध्याय में परिणय सूत्र में बंघने का पल आया।भाईयों के प्यार ने पिता की कमी का अहसास होने नहीं दिया। जन्म के बाद से पहली बार धूम-धाम से जन्मदिन मना तद्पश्चात वरमाला से विवाह का कार्यक्रम शुरु हुआ। दरअसल हमने मां से शिकायत की थी कि भाई का जन्मदिन मनाती हैं आप, बेटियों के साथ भेदभाव क्यों करती हैं। उनका वादा था कि इसबार जरूर मनायेंगे तुम्हारा जन्मदिन। ये संयोग ही रहा कि ईश्वर ने उनको वादा पुरा करने का शुभअवसर दे दिया। हिंदी महिने के अनुसार 21 नवम्बर को वही जन्मतिथी पङ गई जब शादी की तारिख पंडितों द्वारा निकली। हर्ष और उल्लास के साथ जिन्दगी नई दिशा में चल पङी.. नये लोग नया परिवार ये भी हमारे पूर्व कर्मो के आधार पर बहुत अच्छा मिला। ससूर के रूप में पिता मिले जिन्होने अपने जीवन परयंत मेरी मां को दिये वादे को निभाया। सास के रूप में मां मिली, जिन्होने बिना किसी उलहाने के घर गृहस्थी सिखाई। नये परिवार के अन्य सदस्यों का भी प्यार और साथ मिला। नौकरी की वजह से बाहर रहने से सासु मां का सानिध्य ज्यादा रहा। जीवन के हरपल सुख-दुख में साथ देने वाले साथी का क्या कहना.. सामाजिक बुराई दहेज के खिलाफ, लङकियों को भी सम्मान से जीने के लिए आर्थिक सक्षम होने की सोच रखने वाले, पत्नी के आने के बाद भी घर में खाना बनाने में या अन्य कार्यों में भी सहयोग करने में कोई संकोच नहीं करते। उनके इसी व्यवहार के कारण आसपास के कई लोग कहते थे कि आप लोगों की लव-मैरिज हुई है क्या। ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि अब तक का जीवन उनके साथ बहुत अच्छा बिता। ऐसा नही है कि कभी बहस या झगङा नही हुआ पर आज जिस मुकाम पर हैं वहां सोचते हैं तो लगता है, जो किया, कहा, माना उसमें भला-बुरा जिंदगी में अनुभव की कमी ही रही। वरना सच तो ये है कि मिठे के साथ नमकीन भी जरूरी है। लोकिन नमकीन की अधिकता जीवन को कसैला भी बना सकती है, इसका बैलेंस होना भी जरूरी है। धूप-छांव की बराबर मात्रा से ही तो जीवन पल्वित होता है।
आज मेरे जन्मदिन पर स्वयं को भी शुभकामनाएं देते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.. जितना भी शेष जीवन है वो मनचाही समाज सेवा भी कर सके क्योंकि दृष्टीबाधित बच्चों के साथ बिताया सफर भी जीवन को नित नई ऊर्जा प्रदान करता रहा है। ये बहुत बङा सत्य है कि ऊपर वाले ने सबके के लिए रास्ता तय करके रखा है। वो अपने बंदो को सहयोग की भावना के लिए आगे बढने की प्रेरणा देता है। किसकी कब सहायता करनी है उसके इशारे से ही होती। हमसब तो उसके संसाधन हैं। सहयोग संसाधन लिस्ट में ईश्वर हमें भी बराबर बनाये रखे। स्वस्थ रहें, जिंदगी से कोई शिकायत न रहे ऐसी भावना हो। जिंदगी तो एक किताब की तरह है.. जिसके कुछ अध्याय दुखद, कुछ सुखद और कुछ रोमांचक हैं। अब अगला पन्ना पलटेंगे तब पता चलेगा कि आगे क्या लिखा है.. भरोसा है जो भी लिखा होगा अच्छा होगा, अच्छे के लिए ही होगा। फिलहाल आज अपनी खुशनुमा यादों के साथ जन्मदिन मनाते हैं और जेहिं बिधी राखे राम तेहीं बिधी रहिये आप पर अमल करते हैं।
Wednesday, 30 October 2024
भारतीय पर्व-उत्सव (शुभ दीपावली )
शुभता और स्वच्छता के प्रतीक पर्व पर ईश्वर से यही कामना करते हैं कि, दिपोत्सव की रोशनी पूरे साल हताशा के अंधेरे को नष्ट कर सबके घर-आंगन-मन को रोशन करती रहे। अंधेरे के आकाश को परास्त करने वाले नन्हें से दीपक सा साहस हम सब में भी बना रहे। इसी मंगल कामना के साथ सभी पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
Wednesday, 2 October 2024
जय माता दी 🙏 प्रार्थना की शक्ति
मित्रों, आइये हमसब मिलकर, माँ दुर्गा की आराधना और प्रार्थना करते हैं।नवरात्री के विशेष पर्व पर प्रार्थना की अद्भुत शक्ति को समझने का प्रयास भी करते हैं।
जब भी हम सब पुरी आस्था से अपने - अपने ईश्वर की प्रार्थना करते हैं तो एक संबल मिलता है और हमारा आत्मबल मजबूत हो जाता है।
साथियों , जब हमारे चारों ओर निराशा और अंधकार के बादल मंडराने लगते हैं तो हम किसी ऐसे की तलाश करते हैं, जिससे हम अपनी बात कह सकें। तब हमारी तलाश ईश्वर पर ही खतम होती है। ईश्वर का सबल मिलते ही हमारा आत्मबल मजबूत होने लगता है।
प्रार्थना के लिये किसी भाषा या व्याकरण की जरूरत नही है। आवश्यकता है पूर्ण आस्था के साथ अपने ईश के समक्ष संपूर्ण समर्पण। प्रार्थना से हममें ऐसी ऊर्जा का संचार होता जिससे हममें विपरीत परिस्थिती में भी सही सोच रखने का साहस मिलता है। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि, प्रार्थना से अंतर्मन की सोई ऊर्जा सक्रिय हो जाती है, जिससे कई बार तो असाध्य रोग भी ठीक हो जाता है। ध्यानयोग्य बात ये है कि, प्रार्थना के समय हमारा मन पूरे विश्वास के साथ ईश्वर के प्रति केंद्रित होना चाहिये। प्रार्थना का अभिप्राय ये कदापी नहीं है कि, हमारे सभी कार्य पूर्ण हो जायेंगे। बल्की हमें उचित कार्य करने और सही दिशा में अग्रसर होने की शक्ति प्राप्त होती है।
कहते हैं, ईश्वर भी उसी की सहायता करते हैं जिनको स्वयं पर विश्वास होता है। प्रार्थना से ध्यान का अभ्यास भी होता है। प्रार्थना करते समय व्यक्ति का मंदिर में होना जरूरी नही है लेकिन व्यक्ति के मन में ईश्वर का होना जरूरी है। जब विचार, इरादा और प्रार्थना सब सकारात्मक हो तो जिंदगी अपने आप सकारात्मक हो जाती है। ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, प्रार्थना ऐसे करो कि सबकुछ भगवान पर ही निर्भर करता है और प्रयास ऐसे करो कि सबकुछ आप पर निर्भर करता है।
अपनी कलम को विराम देते हुए यही कहना चाहेंगे कि , प्रार्थना और विश्वास दोनों अदृश्य हैं, परंतु दोनों में इतनी ताकत है कि नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं। विश्वास बनायें रखें सब अच्छा होगा 🙏
माँ की कृपा हमसब पर सदैव बनी रहे इसी मंगलकामना के साथ सभी पाठकों को दुर्गा उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
लिंक पर क्लिक करके पूर्व के लेख भी पढें 🙏
गायत्री मंत्र का शाब्दिक महत्व
Saturday, 1 June 2024
श्रीकांत बोल्ला A inspiring Story
मित्रों,
आज हम श्रीकांत बोल्ला देखकर आए। सबसे पहले तो फिल्म के हीरो राजकुमार राव को धन्यवाद देते हैं, जिन्होने मिस्टर श्रीकांत बोल्ला के किरदार को बहुत खूबसूरती से निभाया है। फिल्म देखकर पहला विचार यही आया कि , एक छोटी सी जगह , आर्थिक तंगी और शारीरिक अक्षमता के बावजूद एक बच्चा अपने दृणविश्वास के बल पर करोणों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन सकता है!!!!!!
ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि , श्रीकांत की राह आसान नहीं थी। जन्म से अवहेलना का तंज, पढाई में बाधाएं, भारतीय शिक्षा नीति की कमियां इत्यादि ऐसे अवरोध हैं जो एक दृष्टीबाधित व्यक्ति को हमेशा आगे बढने से रोकते हैं। आमतौर पर सभी दृष्टीबाधित लोगों को उपरोक्त बाधाओं को झेलना पङता है। परंतु जो अपने जज़बे को दृणसंकल्प के साथ यथार्थ में अमलीजामा पहनाता है वही श्रीकांत बनता है।
श्रीकांत की आत्मकथा सभी के लिए सकारात्मक संदेश देती है, चाहे वो शारीरिक सक्षम हो या अक्षम। मुश्किलें तो जीवन में सबके साथ आती रहतीं है। परंतु सफलता के सपने को देखना और उसको जीना सबसे बङी शक्ति है जिसको श्रीकांत ने हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढाया। हम सब कुछ कर सकते हैं ये वाक्य वो जादूई शक्ति है जिससे सफलता की ऊंचाईयों को छुआ जा सकता है। आर्थिक तंगी कभी भी सफलता की बाधक नही है, जहां चाह है वहां राह आसान हो जाती है। कहते हैं, जो अपने पथ पर अटल है वही सफल है।
इस फिल्म में श्रीकांत जी का एक संवाद बहुत खास है, "नाना, अंधा भाग नही सकता लङ सकता है।" ये संवाद बहुत गूढ बात कहता है........... अपनी समस्याओं से भाग जाना (जो बहुत आसान पथ है) या अपने सपनों को साकार करने के लिए हर मुसिबत से डटकर लङना।
इस कहानी में स्पष्ट है कि, एक शिक्षित व्यक्ति किसतरह से रोजगार के माध्यम से स्वयं आत्मनिर्भर बनकर अनेक लोगों को आत्मनिर्भर बना सकता है। श्रीकांत के जीवन में दो किरदार बहुत महत्व रखते हैं, एक शिक्षिका देविका और आर्थिक मदद करने वाला व्यक्ति रवी।
फिल्म देखने के बाद वहीं उपस्थित कुछ लोगों से हमने पूछा कि, इस फिल्म को देखकर आपका क्या विचार है, ज्यादातर लोगों ने यही कहा कि हम लोग अक्सर छोटी छोटी समस्याओं से घबङा जाते हैं, रास्ता बदल लेते हैं । परंतु श्रीकांत के जीवन को देखकर लगा कि समस्याओं से भागने की बजाय समस्याओं को भगाने का उपाय करना चाहिये।
अगला प्रश्न मेरा था कि, क्या आपलोगों के मन में ये विचार आया कि हमें भी देविका या रवी बनकर सहायता करनी चाहिये ?
कुछ लोगों का उत्तर था कि, हां जरूर हम शिक्षा के क्षेत्र मेंं अवश्य मदद करना चाहेंगे। आशा करते हैं ये फिल्म समाज को जागरुक अवश्य करेगी ।
श्रीकांत जी का संक्षिप्त परिचय
(श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई 1992को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के सीतारमपुरम में एक तेलुगु भाषी परिवार में हुआ था। वह जन्म से ही दृष्टिबाधित थे। श्रीकांत साइंस पढ़ना चाहते थे लेकिन दृष्टीबाधित होने के कारण उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। श्रीकांत ने भी हार नहीं मानी। कई महीनों तक कोर्ट में लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीकांत देश के पहले दृष्टीबाधित बने, जिन्हें 10वीं के बाद साइंस पढ़ने की इजाजत मिली।दृष्टी नहीं हैं लेकिन 23 साल की उम्र में खड़ी कर दी 80 करोड़ की कंपनी। श्रीकांत की कंपनी कंज्यूमर फूड पैकेजिंग, प्रिंटिंग इंक और ग्लू का बिजनेस कर रही है। आज कंपनी के हैदराबाद और तेलंगाना के पांच प्लांट हैं। इनमें सैकड़ों लोग काम कर रहे हैं। फिलहाल उनकी कंपनी में चार हजार लोग काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि उनकी कंपनी में 70 फीसदी लोग दृष्टीबाधित और अश्क्त हैं। इन लोगों के साथ वे खुद भी रोजाना 15-18 घंटे काम करते हैं। अपनी सफलता के बारे में श्रीकांत का कहना है कि जब दुनिया कहती थी, यह कुछ नहीं कर सकता तो मैं कहता था कि मैं सब कुछ कर सकता हूं।)
मित्रों, मेरा भी यही उद्धेश्य है:---- शिक्षा के माध्यम से दृष्टीबाधित बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना।
"शिक्षा के माध्यम से अपने प्रिंट दिव्यांग साथियों को आत्मनिर्भर बनाने में; मैं (अनिता शर्मा) वॉइस फॉर ब्लाइंड के नाम से प्रयासरत हुँ। (वॉइस फॉर ब्लाइंड) ई लर्निंग का ऐसा मंच है जो दिखता नही किंतु हजारों प्रिंट दिव्यांग साथियों को देश दुनिया की जानकारी से अपडेट कराते हुए, शिक्षा की अलख को सोशल मिडिया की सभी विधाओं जैसे- यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, स्काईप तथा वाट्सअप के माध्यम से रौशन कर रहा है, जिसके प्रकाश में भारत के विभिन्न राज्यों के प्रिंट दिव्यांग साथी लाभान्वित होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं।"
इस मुहीम में यदि आप भी जुङना चाहते हैं तो हमें, voiceforblind@gmail.com पर मेल करें
अपनी कलम को विराम देते हुए यही कहेंगे कि,
बिना कष्ट के सिध्दियां मिलती नहीं
जो तपा उसी की जय है।
कण कण में तेरा परिचय है,
यदि मन में दृणविश्वास है।
आपका थोङा सा समय किसी को आत्म सम्मान से जीने का अवसर दे सकता है
धन्यवाद 🙏
Monday, 15 April 2024
ॐ श्री रामाय नमः
रामलला विराज गए, धरती पुलकित है, मन हर्षित है। भारत की हवा राममय हो गई है। पाँच सौ वर्षों का संघर्ष सफल रहा। कर्तव्यपरायणता और नैतिकता के प्रतीक विष्णु के सातवें अवतार “श्री राम” के आगमन पर सम्पूर्ण भारत के ह्रदय में राम नाम की गूंज है। अयोध्या में बालसुलभ मुस्कान के साथ लोकाभिराम नयनाभिराम विराजमान हो गये।
अर्थातः कुंदकली के समान उज्ज्वल वर्ण दंतावली, अधरपुटों का खोलना और अमूल्य मुक्ता मालाओं की छवि ऐसी जान पड़ती है मानो श्याम मेघ के भीतर बिजली चमकती हो। मुख पर घुँघराली अलकें लटक रही हैं। तुलसीदास जी कहते हैं- लल्ला! मैं कुंडलों की झलक से सुशोभित तुम्हारे कपोलों और इन अमोल बोलों पर अपने प्राण न्योछावर करता हूँ।
राम तो अंत्योदय से सर्वोदय का मार्ग हैं। राम एक विचार हैं, जीवन की धङकन हैं। आज जीवन की आपाधापी में व्याकुल मन का गंतव्य हैं राम। निर्बल के बल हैं राम। राम शब्द में दो अर्थ समाया हुआ है, सुखद होना और ठहर जाना। यदि सुखद ठहराव के शब्दों पर ध्यान दें तो सबमें राम का नाम आलोकित है, जैसेः- आराम, विराम, विश्राम, अभिराम, उपराम, ग्राम। ऐसे कौशल्यानंदन जानकीवल्लभ श्री राम को , कर से कर को जोड़कर बारंबार प्रणाम है। आज रामनवमी के अवसर पर हम सब ये प्रतिज्ञा करें कि नर नाहर श्री पुरूषोत्म का रामराज फिर लायेंगे। भारत को समृद्ध, सशक्त, समदर्शी बनायेंगे।
इसी शुभकामनाओं के साथ सबको रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
Thursday, 9 November 2023
एक दिया परोपकार का जलाएं (शुभ दिपावली)
मित्रों, रौशनी के पावन पर्व दिपावली पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं💫💫💫😊😊
Monday, 14 August 2023
77 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ आइये हम सब मिलकर प्रण करें कि भारत के तिरंगे को विश्व गगन पर लहरायेंगे, धर्म और जाति से इतर इंसानियत का आगाज करेंगे, ये कहना अतिश्योक्ति नही कि आज दुनिया में भारत का नगाड़ा गूंज रहा है,देश का सितारा चमक रहा है अतः इस चमक को अपने राष्ट्रहित के जज़बे से और चमकाएं, मिलकर दुआ करें कि बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा।
Sunday, 14 August 2022
आजादी के अमृत महोत्सव की हार्दिक बधाई
आप सबको 76वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 75वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव को मिलकर गायें, खुशियां मनायें