देशभक्ति मानव-मात्र का धर्म है। देशभक्ति मनुष्य
के रक्त में होती है। ऐसे ही कुछ देशभक्तों के कहे वाक्य जो हम सभी के लिये आज भी
प्रेरणास्रोत हैं।
1-
सवा लाख से एक
लङाऊँ। (गुरू गोविन्द सिहं)
2-
स्वतन्त्रता मेरा
जन्मसिद्ध अधिकार है। (लोकमान्य तिलक)
3-
तुम मुझे खून दो में
तुम्हे आजादी दूँगा। (सुभाष चन्द्र बोस)
4-
मैं अपनी झाँसी नहीं
दूँगी। (रानी लक्ष्मीबाई)
5-
अपना राज्य बुरा
होने पर भी विदेशी राज्य से सौ गुना अच्छा है। (दयानन्द सरस्वति)
6-
सरफरोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है। (राम प्रसाद
बिस्मिल)
7-
हिन्दुस्थान हिन्दु
राष्ट्र है। (डॉ. हेडगेवार)
8-
दो आजन्म कारावास का
दण्ड सुनाए जाने पर कहा था कि- अंग्रेजों! आपका राज्य पचास वर्ष नही रहेगा। (वीर सावरकर)
9-
दिल्ली चलो। (सुभाष
चन्द्र बोस)
10-
आराम है हराम (जवाहर
लाल नेहरु)
11-
न्यायाधीश के पुछने
पर कहा कि- मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्र, निवास स्थान भारतमाता के
चरणों में या जेलखाना। (चन्द्रशेखर आजाद)
12-
करो या मरो।
(महात्मा गाँधी)
13-
उठो जागो तब तक न
रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये। (स्वामी विवेकानंद)
14-
मानव सेवा ही ईश्वर
सेवा है। (स्वामी विवेकानंद)
15- जय जवान जय किसान
(लाल बहादुर शास्त्री)
16-
इंकलाब जिन्दाबाद
(भगत सिहं)
17-
सत्यमेव जयते (मदन
मोहन मालवीय)
18-
वंदे मातरम (बमकिम
चंद्र चटर्जी)
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