Tuesday, 14 May 2013

मुगल गार्डेन और डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम



जीवन में बङे सपने देखने और उसे पूरा करने में विश्वास रखने वाले महान वैज्ञानिक, देश-विदेश के लाखों युवाओं के आदर्श डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम साहब अपने मजबूत हौसलों के साथ 2002में राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए। अपने कार्यकाल के दौरान आपने राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डेन को नये आयामों से सुशोभित किये।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब का मुगल गार्डन से लगाव राष्ट्रपति बनने के पहले से था। वर्ष 1997 में जब आपको भारतरत्न से सम्मानित किया गया था, तब तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर.नारायणन की पुत्री चित्रा नारायणन के साथ मुगल गार्डन घूमने का अवसर प्राप्त हुआ। उद्यान की अप्रतिम सुन्दरता को देखकर कलाम साहब को बहुत खुशी हुई और उद्यान को चाँदनी रात में देखने की इच्छा जाहिर किये। ये इच्छा राष्ट्रपति के.आर.नारायणन को एवं उनकी पत्नी को पता चली, उसके बाद जब भी कलाम साहब विभागीय काम से दिल्ली आते, तो राष्ट्रपति के आग्रह पर राष्ट्रपति भवन में ही ठहरते थे।

कलाम साहब के अनुसार- तब मुझे पता न था कि राष्ट्रपति भवन में मुझे पूर्णमासी की साठ रातें देखने का अवसर मिलेगा। जिन दिनों मैं वहाँ था, मुगल गार्डन मेरे लिये एक बङा प्रयोग स्थल बन गया था। वह एक बङा संवाद मंच था जिस से मैने प्रकृति के और अपने देश वासीयों के साथ मन की बातें की, जहाँ मैने विविध क्षेत्रों से आये लोगों से विचार-विमर्श किया। बाग के अनेक पशु-पक्षी मेरे अंतरंग हो गये थे। बगीचे का सुव्यवस्थित परिवेश और पेङ-पौधे मुझे शान्ति प्रदान करते थे। कलाम साहब के कार्य-काल में 2007 में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ घूमते हुए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शौकत अजीज ने कहा था कि अगर मुगल गार्डन में द्विपक्षिय मिटिंग हो जाये तो, दोनो देशों के भेद-भाव छू मंतर हो जायेंगे।

डॉ. कलाम साहब ने बगीचे में दो झोपङियां बनवाईं थीं। दोनो प्राकृतिक पदार्थों से बनी है। एक का नाम थिंकिग हट तथा दूसरी का नाम इम्मोरटल हट है। थिंकिग हट का डिजाइन त्रिपुरा के कारिगर द्वारा किया गया है। आपकी पुस्तक इनडोमिटेबल स्पिरिट का बहुत बङा हिस्सा इसी हट में लिखा गया है। दूसरी हट, इम्मोरटल हट यानि, अमर स्थलि। डॉ.कलाम साहब की पुस्तक गाइडिंग सोल, जो जीवन के लक्ष्य की खोज पर आधारित है, उसका उद्भव इसी हट में हुआ था। राष्ट्रहित से जुङे कई विचार-विमर्श डॉ.कलाम साहब अपने मित्रों के साथ इन्ही हटों में किया करते थे। अनेक कविताओं का उद्भव भी यहाँ हुआ था।
डॉ.कलाम साहब की सामाजिक चेतना एवं प्राकृतिक प्रेम की वजह से मुगल गार्डन में कई नये सुधार भी किये गये थे। स्पर्शनीय पौधों के बगीचे की नींव सामाजिक जागरुकता का स्पष्ट उदाहरण है। भारत में एवं विश्व में इस तरह के बगीचे बहुत कम है। लखनऊ में सी.एस.आई.आर नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीटयूट में स्पर्शनीय उद्यान है। राष्ट्रपति कलाम साहब के प्रयासों का ही परिणाम है कि 2004 राष्ट्रपति भवन में स्पर्शनीय बगीचा लगाया गया। फल, फूल, औषधी तथा मसालों के पौधों की क्यारियों पर सूचना पट्टिका के जरिये संबधित पौधे के बारे में हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं और ब्रेल लिपि में लिखा है। प्रतिवर्ष जब भी ये बगीचा दृष्टीबाधितों के लिये खोला जाता कलाम साहब उनके साथ जाते थे। दृष्टीबाधितों की खुशी देखकर कलाम साहब बहुत खुश होते थे। 2006 में मुगल गार्डन में संगीतमय फव्वारा लगाया गया था।
जब अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लयु बुश अपनी पत्नि और शिष्य मंडल के साथ भारत आये थे, तब उनके सम्मान में मुगल गार्डन में प्रतिभोज आयोजित किया गया था। इस प्रतिभोज में बहुत से कलाकार एवं बुद्धी जीवी और अतिविशिष्ठ व्यक्ति भी आमंत्रित थे। जॉर्ज दम्पत्ति इस अद्भुत आयोजन से अत्यधिक प्रभावित हुए थे। डॉ. कलाम साहब के अनुसार पूर्णिमा की एक रात को जब पंडित शिवकुमार शर्मा ने 500 लोगों के सम्मुख संतूर-वादन किये तो यह संगीतमय बगीचे का स्वर्णिम क्षंण था।

बायो डायवर्सिटी पार्क का आगाज भी डॉ. कलाम साहब के कार्यकाल में ही हुआ था। जिसमें बहुत से पक्षियों और पशुओं की प्रजातियाँ लाई गई थी। मछलियों के लिये तालाब, खरगोश के खोह, बत्तखों के घर और पक्षियों के ठिकाने से ये पार्क प्रकृति प्रेम का अद्भुत स्थल बन गया है। एक बार डॉ. कलाम साहब अपने मित्र डॉ. सुधीर के साथ टहलने निकले तभी एक नन्ही हिरनी रास्ते में दिखी जिसे उसकी माँ ने त्याग दिया था। वो ठीक से चल भी नही पा रही थी क्योंकि उसकी दो टाँगे जन्म से ही चोटिल थी। डॉ. सुधीर के इलाज से वो कुछ दिनों बाद ठीक हो गई और कुछ हफ्तों बाद हिरनों के झुण्ड ने उसे अपना लिया। डॉ. कलाम साहब के अनुसार, मैं इस घटना से बहुत अभिभूत हुआ था। राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन और परिसर के अन्य बगीचों ने जो आनंद की अनुभूति मुझे दी, उसके प्रति बहुत भावुक हूँ। मैं इस बात के लिये सर्वशक्तिमान का शुक्रिया अदा करता हुँ, जिसने मुझे कुदरत का यह सुख लेने का मौका दिया।

देश-विदेश के लाखों युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सबसे अधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक हैं। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के अनमोल संदेश के साथ कलम को विराम देते हैं।
  
"अपने मिशन में कामयाब होने के लिए , आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा."


नोट  (प्रस्तुत जानकारी टर्निंग प्वांइट पुस्तक पर आधारित है, यदि कोई भूल हुई हो तो क्षमाप्रार्थी है.)


3 comments:

  1. Dr. A P J Abdul Kalaam is very famous former President of India due to brielient Scientist.
    Brij Bhushan Gupta, New Delhi, 9810360393

    ReplyDelete
  2. Nice Article, Mughal Garden is a heart of President House in Delhi / India...... Brij Bhushan Gupta 9810360393

    ReplyDelete
  3. Nice Anita ji... Really loved this article.

    ReplyDelete