मित्रो, स्वच्छ और साफ सुथरे भारत की कल्पना आज एक अहम मुद्दा है और स्वस्थ भारत के लिये आवश्यक सोच भी है, जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी अपने एवं सरकार की योजनाओं के माध्यम से आगे बढाने का कार्य कर रहे हैं। ये भी सच है कि साफ सुंदर जगह पर रहना हर कोई पसंद करता है, फिरभी सड़कों पर ये कचरे का ढेर, सड़कों पर बहता नालियों का पानी, कचरे और बदबुदार टॉयलेट के साथ चलती ट्रेन या मॉल तथा सिनेमा हॉल में यहाँ-वहाँ बिखरे कचरे यही बंया कर रहे हैं कि, स्वच्छ भारत का सपना अभी मिलों दूर है। इसकी सबसे बङी वजह है, स्वच्छता के प्रति हम सबकी उदासीनता।
अभी हम बनारस से होकर आये हैं, जहाँ से स्वच्छ भारत का अभियान शुरु हुआ है। बनारस का मंजर अभी भी कचरों की ढेरियों तथा पान की पिको से लहलहा रहा है। गंदगी का आलम देखकर लगा कि चिराग तले अँधेरा और मन में एक प्रश्न भी उठा कि हाखिर ये कचरा आता कहाँ से है? विपक्ष की कोई चाल तो नही सरकार को बदनाम करने की ! तभी पिछे घर से एक महिला डस्टबीन लेकर निकली और सड़क पर कचरा फेंक कर चली गई।घर की छत पर हम खड़े हुए सोच ही रहे थे कि कहीं ये विपक्षी पार्टी की तो नही है किन्तु उसके घर पर तो भा.ज.पा. का झंडा लगा हुआ था। सड़क पर आते-जाते लोग कहीं भी पान की पीक थूक रहे थे। ये नजारा देख मेरे प्रश्न का उत्तर मिल गया।
मित्रों, कहीं भी कचरा या गंदगी हम लोग ही फैलाते हैं और सरकार को गालियां देते हैं। जब नगर निगम की गाड़ियां आती हैं तो उसे कचरा देने में आलस करते हैं और उसके जाने के बाद अपने ही घर के सामने कचरे का अंबार लगाते हैं। हम अपने अधिकारों के लिये खूब हल्ला मचाते हैं किन्तु जिम्मेदारियों से मुहँ मोड़ लेते हैं। विचार किजीये किसी के घर के सामने या मोहल्ले में कोई दूसरा गंदगी नही फैलाता बल्की वहीं के निवासी अपने आस-पास कचरे का साम्राज्य स्थापित करते हैं और अपने द्वारा फैलाई गंदगी का ठीकरा सरकार पर फोङते हैं। ट्रेन के टॉयलेट में पानी बराबर रहता है फिरभी टॉयलेट यूज करने के बाद पानी नही डालते लिहाजा बदबु चारो तरफ फैलती है और तो और चिप्स एवं अन्य नाश्ते का पैकिंग कचरा कहीं भी फेंक देते हैं और गंदगी देखकर रेलमंत्रालय को खरी खोटी सुनाते हैं। ट्रेन हो या बस और शहर हो या गॉव हर जगह गंदगी हम लोग ही फैलाते हैं। आज हम पाश्चात्य सभ्यता के कपड़े पहनते हैं। ब्रांडेड चीजों से खुदको अपडेट करते हुए बेइंतहा इतराते हैं लेकिन वहाँ के जागरुक नागरिकों की तरह शहर को स्वच्छ रखने की पहल खुद से नही करते। पढे लिखे शिक्षित लोग भी कहीं भी कचरा फेंक देते हैं। कहने को पॉश कॉलोनी होती है किन्तु उस कॉलोनी के पार्क में वहीं के बच्चे तथा रहवासी चिप्स के खाली पैकट फेंक देते है जबकि पार्क मे डस्टबीन रखा होता है। जब हम बङे ही स्वच्छता के प्रति जागरुक नही हैं तो बच्चों को क्या सीख देंगे।
अपने भारत में भी एक ऐसा राज्य है सिक्किम जहाँ साफ सफाई का आलम ये है कि, उसकी तुलना फ्रांस से की जाती है। वहाँ की सरकार ने कानून में सख्ती बरती हुई है तथा वहाँ के नागरिकों में भी जागरुकता है जिसकी वजह से सिक्किम भारत का ऐसा राज्य बन गया है जहाँ स्मोकिंग भी हर जगह कोई नही कर सकता। उसके लिये स्मोकिंग जोन बने हुए हैं। कहने का आशय यही है कि यदि हम सब अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुए अपने घर की तरह अपने मोहल्ले को भी साफ सुथरा रखें तो पूरा भारत साफ सुथरा और सुंदर बन जायेगा।
अपने देश में एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो डंडे से और फाइन के डरके कारण ही सही कार्य करता है। ऐसे लोगों को सख्त कानून के तहत इस कार्य हेतु समझाना पङेगा। मेरा एक सुझाव है सरकार को कि, हर शहर के पार्षद को ये निर्देश मिले कि यदि उनके एरिया में गदंगी मिली तो उनको जुर्माना भरना होगा और मोहल्ले या कॉलोनी में भी साफ सफाई न रहने पर उस जगह के सभी रहवासियों को जुर्माना भरना होगा। ऐसा करने से भी साफ सफाई रह सकती है। अक्सर चलती बस से लोग कचरा फेंक देते हैं या थूक देते हैं ऐसे में बस चालक और कंडक्टर पर फाइन लगाना चाहिये फाइन के डर से वो अपने यात्रियों पर नियंत्रण रखेगा। उदाहरण के तौर पर बताना चाहेंगे कि, पिछले साल हम लोग अंडमान गये थे वहाँ ट्राइवल एरिया मे फोटो खींचना मना है यदि किसी ने खींचा तो उसको तो केवल 10,000 का फाइन है लेकिन ड्राइवर को 6 साल की सजा और ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लेने का प्रावधान है। इससे ये होता है कि हर गाडी़ का ड्राइवर सजग होता है कि उसके वाहन में बैठा यात्री फोटो न खींच सके। इस तरह की पहल को स्वच्छता के अभियान में भी अमल करने की आवश्यकता है।
स्वच्छ भारत का असर हम सभी के स्वास्थ पर भी पड़ेगा। स्वच्छ और स्वस्थ भारत से निःसंदेह आर्थिक स्थिती में भी मजबूती आयेगी। गंदगी से उपजी बिमारियों से निज़ात मिलेगा। अतः हम सबको इस स्वच्छता के अभियान में जागरुक नागरिक की तरह योगदान देना चाहिये। जिससे सिर्फ सिक्किम ही नही सम्पूर्ण भारत स्वच्छता का प्रतीक बन जाये। स्वयं की जागरुकता अपने वतन के लिये सच्ची देश भक्ति होगी। आज हम सबका नारा हो, साफ सुथरा हो देश हमारा।
धन्यवाद
अच्छे विचार.
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteकृप्या अपना ईमेल आईडी दें
Thanks My E-Mail ID voiceforblind@gmail.com
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