रियो डी जेनेरो: रियो में चल रहे पैरा ओलिंपिक खेलों में भारत ने इतिहास रचा है. हाई जंप इवेंट में भारत ने स्वर्ण और कांस्य पदक पर कब्ज़ा जमाया है. ऊंची कूद में तमिलनाडु के रहने वाले मरियप्पन थांगावेलू ने गोल्ड पर कब्जा जमाते हुए इतिहास रच दिया है तो वहीं दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा से आए वरुण सिंह भाटी ने 1.86 मीटर कूद कर इसी इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया. मिलनाडु सरकार ने मरियप्पन को 2 करोड़ रुपए के ईनाम देने की घोषणा की है.।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ट्विटर पर इस जीत के लिए थांगावेलू और भाटी को बधाई दी है. Congrats M.Thangavelu and V.Bhati on winning gold and bronze respectively in men's High Jump event at Rio Paralympics
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर इन दोनों को खिलाड़ियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी हैं.India is elated! Congratulations to Mariyappan Thangavelu on winning a gold & Varun Singh Bhati for the bronze at the
मरियप्पन थांगावेलू , मुरलीकांत पेटकर (स्वीमिंग 1972 हेजवर्ग) और देवेंद्र झाझरिया (भाला फेंक, एथेंस 2004 ) के बाद गोल्ड जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं। बीजिंग ओलंपिक्स में स्वर्ण जीत चुके शूटर अभिनव बिंद्रा ने भी इस मौके पर दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी। वहीं बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि इन दोनों खिलाड़ियों को वही सम्मान दिया जायेगा जो ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू और साक्षी को मिला।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर इन दोनों को खिलाड़ियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी हैं.India is elated! Congratulations to Mariyappan Thangavelu on winning a gold & Varun Singh Bhati for the bronze at the
मरियप्पन थांगावेलू , मुरलीकांत पेटकर (स्वीमिंग 1972 हेजवर्ग) और देवेंद्र झाझरिया (भाला फेंक, एथेंस 2004 ) के बाद गोल्ड जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं। बीजिंग ओलंपिक्स में स्वर्ण जीत चुके शूटर अभिनव बिंद्रा ने भी इस मौके पर दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी। वहीं बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि इन दोनों खिलाड़ियों को वही सम्मान दिया जायेगा जो ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू और साक्षी को मिला।
अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी ट्विटर पर इन दोनों खिलाड़ियों के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर शुभकामनाएं दी.. joy for India .. Gold & Bronze for Thangavelu and Bhatti in high jump ! COME ON INDIA !!!
पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत के लिए ये तीसरा गोल्ड है। इससे पहले 1972 (जर्मनी) में तैराक मुरलीकांत पेटकर और जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया ने एथेंस पैरा ओलंपिक 2004 में गोल्ड जीता था।
1968 में भारत ने पहली बार पैरा ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया, लेकिन कोई भी पदक जीतने में नाकामयाब रहा। 1972 में जर्मनी में हुए खेलों में पैरालंपिक खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर ने भारत के लिए पहला पदक जीता। आपको बता दें कि पेटकर ने स्विमिंग में गोल्ड जीता और उनसे पहले किसी भी खिलाड़ी ने सामान्य ओलंपिक खेलों में भी भारत के लिए गोल्ड नहीं जीता था। सेना के जवान मुरलीकांत पेटकर न सिर्फ भारत के लिए पहला सोना जीता बल्कि उन्होंने सबसे कम समय में 50 मीटर तैराकी प्रतियोगिता जीतने का वर्ल्ड रिकार्ड (पैरालंपिक) भी बनाया। उन्होंने यह रेस 37.33 सेकेंड में पूरी की। 84 वर्षीय पेटकर 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में बुरी तरह घायल हो गए थे।
पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत के लिए ये तीसरा गोल्ड है। इससे पहले 1972 (जर्मनी) में तैराक मुरलीकांत पेटकर और जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया ने एथेंस पैरा ओलंपिक 2004 में गोल्ड जीता था।
1968 में भारत ने पहली बार पैरा ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया, लेकिन कोई भी पदक जीतने में नाकामयाब रहा। 1972 में जर्मनी में हुए खेलों में पैरालंपिक खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर ने भारत के लिए पहला पदक जीता। आपको बता दें कि पेटकर ने स्विमिंग में गोल्ड जीता और उनसे पहले किसी भी खिलाड़ी ने सामान्य ओलंपिक खेलों में भी भारत के लिए गोल्ड नहीं जीता था। सेना के जवान मुरलीकांत पेटकर न सिर्फ भारत के लिए पहला सोना जीता बल्कि उन्होंने सबसे कम समय में 50 मीटर तैराकी प्रतियोगिता जीतने का वर्ल्ड रिकार्ड (पैरालंपिक) भी बनाया। उन्होंने यह रेस 37.33 सेकेंड में पूरी की। 84 वर्षीय पेटकर 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में बुरी तरह घायल हो गए थे।
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