आज हम सभी के जीवन की रफ्तार बहुत तेजी से भाग
रही है। लाइफ में कई उलझनों का ताना-बाना भी साथ-साथ चलता है जिससे हम सभी थोङा
परेशान भी हो जाते हैं। दिन की शुरुआत के साथ ही हमें चुनौतियाँ मिलनी शुरु हो
जाती हैं और एक साथ कई विचार दिमाग को जाम कर देते हैं। परिणामस्वरूप हमारा दिमाग
ऊबने लगता है। परन्तु आगे बढने की प्रक्रिया में उलझनों से निजात पाने के लिये नित
नये तरीकों को भी आजमाते हैं। ऐसे में हम खोजते हैं नए-नए खेल, जिज्ञासाओं को
शान्त करने वाली पहेलियाँ।
मनोवैज्ञानिक सत्य है कि, पहेलियां अपने अंदर
रहस्य समेटे रहती हैं, जो परेशानियों से दूर दूसरी दुनिया में ले जाती हैं। तर्क,
बुद्धि, किस्मत, हांथो या पेंसिल की बदौलत एक ऐसी दुनिया में पँहुच जाते हैं, जहाँ
हमारा सामना उन उलझनों से होता है, जो वास्तविकता में उलझनें न होकर हमारी
समस्याओं का समाधान होती हैं। माइक्रोसाफ्ट के मालिक बिल गेट्स और
उनकी पत्नी मेलिंडा जब
बिजनस के काम से थक जाते हैं या ऊब जाते हैं तो जिग्सा पजल को सुलझाने बैठ जाते
हैं और एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं कि कौन पहले उलझन को सुलझा लेगा। कई
सेलिब्रिटी अपने मुश्किल से मिले समय को जिग्साँ पजल, क्रॉसवर्ड या सुडोकू पर खर्च
करते हैं।
अपनी तीव्रबुद्धि के लिये पहचाने जाने वाले
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन का कहना है कि, व्हाइट हाउस में काम के
बोझ के बाद जैसे ही उन्हे अखबार पढने का समय मिलता था, वे सबसे पहले क्रॉसवर्ड
देखते थे और उसे हल करने की कोशिश करने लगते थे। उनका कहना है कि क्रॉसवर्ड की
उलझने मुझे तनाव से मुक्त करने के साथ ही तनाव को झेलने की शक्ति भी देती हैं।
वैज्ञानिक मत है कि क्रॉसवर्ड को सुलझाने पर व्यक्ति तरोताजा होकर आगे के काम करने
के लिये नई ऊर्जा महसूस करता है।
पहेलियाँ दिमाग की आवश्यकता है। समय और मस्तिष्क की
क्षमताओं के साथ पहेलियां जीवन को बदलने की क्षमता भी रखती हैं। दुखों में एक
अच्छे साथी की तरह पहेलियों की उलझने हमें परेशानियों से उबरने में मदद करती हैं।
वे हमारा ध्यान परेशानियों से हटाकर कहीं और मोङ देती हैं। कई बार हमारी मुश्किलों का समाधान इन पहेलियों को हल करने में मिल जाता है। ऐसी मानवीय तरकीब के
कारण व्यक्ति स्फूर्तीदायक विचारों के साथ पुनः अपनी दुनिया की उलझनों को सुलझाने
में लग जाता है।