Wednesday, 10 April 2013

नव वर्ष मंगलमय हो



न्याय प्रिय राजा विक्रमादित्य, जिनका दरबार वराहमिहिर, अमरसिहं, कालीदास, धन्वन्तरि और वरुरुची जैसे रत्नो से प्रकाशमान था, ऐसे महान सम्राट की सोच का परिणाम है विक्रम संवत। हिन्दु धर्म में सभी शुभकार्य एवं त्यौहार विक्रम-संवत के कलेण्डर में स्थित तिथियों के अनुसार ही पूर्ण होते हैं। चैत्र, बैशाख, जेष्ठ, आषाण, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन से सुशोभित हिन्दु नववर्ष का प्रथम दिन भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता का प्रतीक है। गुङी-पङवा हो या चेटीचंद हर फिजा में नववर्ष की धूम है। सूर्य, चन्द्र और ग्रहों का आधार लिये विक्रम संवत और शक संवत विजय घोष की पहचान है। माँ का शुभ आशिर्वाद लिये नववर्ष का शुभ संदेश है।शक्ती की उपसना के साथ, विक्रमीसंवत के चैत्र मास के प्रथम दिवस पर सभी के लिये मंगल कामना करते हैं।

नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ सूरज का उदय हो,
नई सोच और नये विकास की धूप हो,
स्वस्थ भाईचारे की भावना का आगाज हो,
मिले सभी को नव खुशी, नित्य नया विश्वास हो,
सपरिवार सहित प्रियजन और मित्रजन की मंगलमय शुरुवात हो।



3 comments:

  1. Aap sabhi k bhee........

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  2. Aap sabhi ko bhee Hindu Nav Varsh ki Shubhkamnayain........
    Brij Bhushan Gupta, New Delhi, 9810360393

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