कागज
अपनी किस्मत से उङता है, लेकिन पतंग अपनी
काबलियत से। किस्मत
साथ दे ना दे, काबलियत जरूर साथ
देती है
इसलिए
पतंग की तरह अपनी काबलियत को निखारते हुए सफलताओं के आकाश में इस तरह उङें कि अपनो
के साथ भारत का भी मस्तक गौरवान्वित हो।
मकर संक्रान्ति के विशेष पर्व पर सभी को हार्दिक बधाई
(नोट पूर्व का संदेश पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें)
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