“स्वतंत्रता
हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।“
ऐसे जज़बातों के साथ हमारे देशभक्तों ने
“पूर्णस्वराज” को अपना लक्ष्य माना।
“जय हिन्द” की गूंज हो या
जन-जन में समाहित थी।
“आराम है हराम” और “इंकलाब जिंदाबाद” की आवाज बुलंद थी।
“वंदेमातरम्” की कामना लिये देश प्रेमी
युवा का संदेश
“तुम मुझे खून
दो, मैं तुम्हे
आजादी दुँगा” का शंखनाद हुआ।
“करो या मरो” का आहवान करते हुए, आजादी का संकल्प लिये
अहिंसा के पुजारी ने
“अंग्रेजों भारत छोङो” की हुंकार भरी। अंतोगत्वा अंग्रेजों को भारत छोङना पङा।
“विश्व विजयी
तिरंगा प्यारा” लहराने लगा। हम सब “जन गण मन” गाने को स्वतंत्र हुए।
आजादी की फिजाओं में जन-जन का स्वर गूंजा-
“सारे
जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा,हम बुल-बुले हैं इसके ये गुलसितां हमारा।“
गणतंत्र दिवस की
हार्दिक बधाई
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....
ReplyDeleteआपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें।।
This is a very innovative idea to put all slogans at one place. Nice work Mummy. :)
ReplyDeleteVery creative piece of writing .....saare naaron ko ek maala kii tarah piro diya hai aapne..
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